
हिमाचल प्रदेश राजभवन में उस ऐतिहासिक मेज पर से शुक्रवार सुबह पाकिस्तानी झंडा गायब (Pakistani flag) पाया गया, जिस पर बैठकर शिमला समझौते (Shimla Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह बात पाकिस्तान द्वारा 1972 में हस्ताक्षरित समझौते को निलंबित करने के एक दिन बाद सामने आई है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को एक आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते को स्थगित किया गया है.
लकड़ी की टेबल पर हुए थे शिमला समझौते पर हस्ताक्षर
इस समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को हस्ताक्षर किए थे. समझौते पर हस्ताक्षर जिस चमकदार लकड़ी की मेज पर किए गए थे उसे हिमाचल प्रदेश राजभवन के कीर्ति हॉल में एक ऊंचे लाल रंग के मंच पर रखा गया है.
मेज पर भुट्टो द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने और उनके बगल में बैठीं इंदिरा गांधी की तस्वीर रखी हुई है, जबकि पृष्ठभूमि में दीवार पर 1972 के भारत-पाकिस्तान शिखर सम्मेलन की कई अन्य तस्वीरें लगी हुई हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तानी झंडा कब हटाया गया, लेकिन राजभवन के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पड़ोसी देश का झंडा 'मेज पर नहीं है.'
शिमला समझौते में विवादास्पद मुद्दे सुलझाए गए
समझौते पर हस्ताक्षर को कवर करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने शुक्रवार को 'पीटीआई भाषा' को बताया कि करीब 53 साल पुराने इस समझौते में सभी विवादास्पद मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाने और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बनाए रखने पर जोर दिया गया था. उन्होंने कहा, 'हालांकि, पाकिस्तान द्वारा इसका बार-बार उल्लंघन किया गया और इसके निलंबन का कोई औचित्य नहीं है. यहां तक कि अगर झंडा हटा भी दिया जाता है तो भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि अतीत में पाकिस्तान द्वारा कई बार समझौते का उल्लंघन किया गया है.
शिमला समझौते में क्या है?
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि समझौते पर उस समय हस्ताक्षर किया गए थे जब स्थिति पूरी तरह से भारत के नियत्रंण में थी और उसने 90 हजार युद्ध बंदियों को लौटाने और भारतीय सेना द्वारा कब्जा की गई 13 हजार वर्ग किमी जमीन वापस करने का निर्णय किया था, जो एक भारी भूल थी. उन्होंने पहलगाम, पुलवामा और उरी में हुए आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि उस भूल की हम यह कीमत चुका रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं