जब्त अमेरिकी पोत एमवी सीमैन गार्ड ओहियो की मालिक कंपनी ने बुधवार को यहां की एक अदालत में कहा कि पोत ना तो भारतीय जलसीमा में था और ना ही उसके द्वारा हथियार और गोली-बारूद रखने में कोई अवैधता थी।
पोत के चालक दल के गिरफ्तार 35 सदस्यों में से तीन सदस्यों की सात दिन की पुलिस हिरासत की मांग वाली याचिका का विरोध करते हुए एडवनफोर्ट के वकील ने न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत प्रथम के सक्षम कहा कि पोत को जब 12 अक्तूबर को रोका गया तो वह भारतीय जलसीमा से दूर था।
मजिस्ट्रेट सी कातीरावन ने मामले पर सुनवायी शुरू की तो वकील अंशुमान तिवारी ने कहा कि चालक दल के सदस्यों से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय तटरक्षक द्वारा प्रारंभिक जांच के साथ ही क्यू ब्रांच पुलिस कई दौर की पूछताछ पूरी कर चुकी है।
अमेरिकी पोत के ‘भारतीय जलसीमा से काफी दूर’ होने का दावा करते हुए वकील ने कहा कि ‘पोत या हथियारों’ को लेकर कोई अवैधता नहीं है। वकील ने दावा किया कि हथियार समुद्र में जलदस्युओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए थे।
इस दलील का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि पोत ने भारतीय जलक्षेत्र में काफी अंदर तक प्रवेश किया था। इसके साथ ही पोत के पास कोई उचित दस्तावेज या अनुमति नहीं थी।
मजिस्ट्रेट कातीरावन ने मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। पुलिस ने दो भारतीय सदस्यों ललित कुमार गुरूंग, राधेशधर द्विवेदी तथा ब्रिटिश नागरिक पॉल टावर्स की हिरासत की मांग की थी ताकि उनसे आगे की पूछताछ की जा सके।
इस बीच गत 18 अक्तूबर को अवैध रूप से हथियार रखने और डीजल खरीदने के लिए गिरफ्तार किए गए पोत के सभी 35 सदस्यों की रिहायी की मांग को लेकर जमानत याचिका यहां स्थित एक सत्र अदालत में दायर की गई।
एक अन्य घटनाक्रम में पोत के चालक दल के 22 विदेशी सदस्यों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तिरूनवेली के पलयमकोट्टई केंद्रीय जेल से चेन्नई स्थित पुझल केंद्रीय जेल भेज दिया गया। इन सभी ने जेल में रहने की खराब स्थिति की शिकायत की थी। पोत के चालक दल के 10 भारतीय सदस्य पलयमकोट्टई केंद्रीय जेल में ही बंद रहेंगे।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में चेन्नई के एक व्यापारी ने एक अग्रिम जमानत याचिका दायर की। पुलिस को उस व्यापारी की पोत को अवैध रूप से 1500 लीटर डीजल की आपूर्ति करने के लिए तलाश है। याचिकाकर्ता मुनीतवन भारतीय और विदेशी पोतों को मानव संसाधन मुहैया कराने वाली विकालिन मैरीन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसने पोत को डीजल की आपूर्ति तूतिकोरिन स्थित सहायक मत्स्य निदेशक से अनुमति प्राप्त करने के बाद की क्योंकि स्थानीय एजेंटों ने उससे यह कहते हुए सम्पर्क किया था कि पोत ईंधन के अभाव में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में फंसा हुआ है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह इस बात से अवगत नहीं थे कि पोत पर हथियार लदा है या वह भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने का दोषी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि पुलिस ने उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, हथियार कानू और अन्य के तहत मामला दायर किया है और उन्हें आशंका है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
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