कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली की भयावह स्थिति पर ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर नेता शेख शाहजहां "भागते नहीं रह सकते" और "राज्य उनका समर्थन नहीं कर सकता". भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के संदेशखाली जाने की अनुमति के अनुरोध पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम ने कहा कि अदालत ने द्वीप पर महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर गौर किया है. हमने शिकायतें देखी हैं, क्षेत्र की महिलाओं ने गंभीर मुद्दे उठाए हैं, कुछ जमीन पर कब्जा किया गया है. यह व्यक्ति (शेख शाहजहां) भाग नहीं सकता... राज्य इसका समर्थन नहीं कर सकता. लाइव लॉ के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "शेख शाहजहां को यहां आत्मसमर्पण करना होगा. वह कानून की अवहेलना नहीं कर सकते."
राज्य सरकार न करे शेख शाहजहां का समर्थन
हाईकोर्ट ने कहा, "अगर एक व्यक्ति पूरे क्षेत्र के लोगों को फिरौती के लिए बंधक बना सकता है, तो सत्तारूढ़ सरकार को उसका समर्थन नहीं करना चाहिए. वह सिर्फ जनता का प्रतिनिधि है. वह जनता का भला करने के लिए बाध्य है." न्यायाधीश ने कहा कि "प्रथम दृष्टया" पता चलता है कि शेख शाहजहां ने "जनता को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा, "कथित अपराध करने के बाद वह भाग रहा है. हमें नहीं पता कि उसे सुरक्षा मिली है या नहीं, लेकिन उसे सुरक्षित नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब यह हो सकता है कि राज्य पुलिस उसे पकड़ने में सक्षम नहीं है, या वह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है."
शेख शाहजहां के लिए क्यों किया जा रहा आम लोगों को परेशान?
शेख शाहजहां के फरार रहने पर निषेधाज्ञा लागू करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए, अदालत ने राज्य सरकार के वकील से कहा, "आप सिर्फ तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर रहे हैं. आप स्थानीय लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं. जैसे कि कोविड में लोग अवसाद में जा रहे थे, क्योंकि वे उनके घरों में सीमित थे. लोगों को बोलने दें... सिर्फ इसलिए कि लोग कुछ कहते हैं, आरोपी दोषी नहीं बन जाएगा. यदि आप उन्हें बंद कर देंगे, तो यह काम नहीं करेगा." राज्य सरकार ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए क्षेत्र में निषेधाज्ञा को रोकने के अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. राज्य के वकील ने कहा कि वह स्थानीय लोगों या संवैधानिक पदाधिकारियों के इलाके में घूमने के विरोध में नहीं है, लेकिन उन्हें डर है कि राजनीतिक नेताओं के दौरे से परेशानी पैदा हो सकती है.
शेख शाहजहां 1 महीने से फरार
भ्रष्टाचार के एक मामले में संदेशखाली के पास उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर भीड़ के हमले के बाद शेख शाहजहां एक महीने से फरार है. पिछले कुछ हफ्तों में स्थानीय निवासी तृणमूल के कद्दावर नेता और उनके सहयोगियों के खिलाफ जमीन हड़पने और जबरन वसूली के आरोप लगाने लगे हैं. भाजपा ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है. शाहजहां के सहयोगी उत्तम सरकार और शिबू हाजरा समेत कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ममता ने भाजपा पर लगाए हिंसा भड़काने के आरोप
तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीजेपी पर इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि हिंसा भड़काने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को द्वीप पर ले जाया गया. उन्होंने कहा है, "प्राथमिक लक्ष्य शेख थे और ईडी ने इलाके में प्रवेश किया. फिर उन्होंने वहां से सभी को बाहर कर दिया और आदिवासी बनाम अल्पसंख्यकों की लड़ाई रची. यह कोई नई बात नहीं है. आरएसएस का वहां आधार है. वहां 7-8 साल पहले दंगे हुए थे. यह सबसे संवेदनशील दंगा स्थलों में से एक है."
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