
सोमवार को GSAT 24 सेटेलाइट का ऑफिशियल लॉन्च हुआ. इस सेटेलाइट की पूरी सर्विस 10 साल के लिए टाटा प्ले ने ले ली है. इससे टाटा प्ले पर अब 600 की जगह 900 चैनल बढ़िया पिक्चर क्वालिटी के साथ देख जा सकेंगे. इस मौके पर इसरो (ISRO) चीफ एस सोमनाथ भी वहां मौजूद थे. पूरी तरह मेक इन इंडिया इस GSAT 24 सेटेलाइट टेंट को जून 2022 में लॉन्च किया गया था, लेकिन इसकी सर्विस सोमवार से शुरू हुई. करीब 36 हजार किलोमीटर दूर इस सेटेलाइट की पूरी सर्विस पूरी क्षमता के साथ 10 साल के लिए टाटा प्ले ने ले ली है.
टाटा प्ले के एमडी हरित नागपाल ने कहा कि ये नया सेटेलाइट है, जिसकी वजह से हमारी चैनल देने की क्षमता अब और बढ़ गई है. पहले हम 600 चैनल देते थे, अब हम 900 चैनल तक दे पाएंगे, और 900 चैनल के अलावा हमारी पिक्चर में बैंडबिथ ज्यादा मिलेगी. इससे पिक्चर और साउंड की क्वालिटी और अच्छी हो जाएगी. साथ ही कोई डिस्टरबेंस भी नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि अब तक टाटा प्ले अलग-अलग सेटेलाइट के जरिए आप तक चैनल पहुंचाता था, लेकिन अब सभी चैनल एक ही सेटेलाइट के जरिए आएंगे. इस सेटेलाइट को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने इसरो के कहने पर खासतौर से टाटा प्ले के लिए बनाया था.
वहीं एनएसआईएल (NSIL) के चेयरमैन राधा कृष्णन ने कहा कि ये डीटीएच की जरूरतों को पूरा करेगा. ये सेटेलाइट इसरो ने बनाया है. एनएसआईएल ने इसे फंड किया है. इस सेटेलाइट की पूरी कैपेसिटी टाटा प्ले ने 10 साल के लिए सिक्योर की है. इसलिए हमने जो इन्वेस्ट किया है, हमें उम्मीद है कि हम रिकवरी कर लेंगे.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में एनएसआईएल का ये पहला कदम था, जो उन्होंने डिमांड बेस सेटेलाइट छोड़ी. टाटा प्ले से उन्होंने एक करार किया, जिसमें 10 साल तक टाटा प्ले के सभी चैनल एक सेटेलाइट पर उपलब्ध होंगे. पहले कहीं चैनल दिखते थे, कहीं नहीं, लेकिन अब हर जगह दिखेंगे. ये आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक और कदम है.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि ये स्पेस की दुनिया में एक नया कदम है, आगे इस तरह के और भी सेटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे. GSAT 24 हमारा डिमांड ड्रिवन सेटेलाइट है. एनएसआईएल की तरफ से इसरो ने इसे बनाया है. टाटा प्ले अभी इसकी सर्विस ले रहा है. स्पेस सेक्टर रिफॉर्म्स में हमारा ये पहला एक्सपेरिमेंट है. एनएसआईएल पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग है. ये कम्युनिकेशन समेत दूसरे सेक्टर की जरूरतों को पूरा करेंगे, जिससे हमें ज्यादा प्रोजेक्ट मिल पाएंगे.
टाटा प्ले के मुताबिक मोबाइल एप और ओटीटी पर जा रहे लोगों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. जो 300 नए चैनल होंगे, उसमें शिक्षा से लेकर मनोरंजन से जुड़े चैनल होंगे. जो क्षेत्रीय भाषाओं में भी होंगे. इसलिए ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा.
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