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Career Option: इसरो में कैसे हो सकते हैं शामिल? जानिए कौन से हैं वे कोर्स जिसे पढ़कर ISRO में होगी एंट्री

ISRO Career Option: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है. जहां अगर आप काम करना चाहते हैं तो आपको कुछ चीजों के बारे में जानना जरूरी है.

Career Option: इसरो में कैसे हो सकते हैं शामिल? जानिए कौन से हैं वे कोर्स जिसे पढ़कर ISRO में होगी एंट्री
नई दिल्ली:

ISRO Career Option:  जब भी उपर आसमान में देखते हैं तो क्या आपके मन में कई सवाल उठते हैं.? रात को चांद और तारों को देखकर क्या भी आप गहन सोच में चले जाते हैं, स्पेस की बातें सुनकर एक जिज्ञासा उठने लगती है? आज के समय में इन सवालों के जवाब जानना आसान है, क्योंकि आप कई स्पेस एजेंसी के सोशल मीडिया के जरिए होने वाले Astronomical event के बारे में जान सकते हैं.लेकिन कई लोग इतने जिज्ञासू होते हैं कि उन्हें थोड़े से संतुष्टी नहीं मिलती और लग जाते हैं आगे की खोज में. भारत में ISRO स्पेस के लिए काम करता है.

अगर आप अपने सवालों के जवाब के साथ इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो शुरुआत आपको कहां से करनी ये जानना भी जरूरी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो स्पेस टेक्नोलॉजी के विकास और सेटेलाइट लॉन्च, ग्रह अन्वेषण और स्पेस एक्सपेरिमेंट्स जैसे फील्ड में रिसर्च का काम करता है. इसरो के प्रोजेक्ट्स इंजीनियरिंग, साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़ी हैं, जिसमें कॉम्यूनिकेशन, रिमोट सेंसिंग, नेविगेशन और साइंटिफिक डिस्कवरी पर के लिए फोकस है.  

अंतरिक्ष में करियर की तैयारी शुरू करने की सही उम्र क्या है?

यह यात्रा आमतौर पर कक्षा 10 के बाद, 11वीं और 12वीं में साइंस स्ट्रीम चुनकर शुरू होती है. फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ (पीसीएम) जरूरी विषय हैं, क्योंकि ये इसरो में अधिकांश तकनीकी और अनुसंधान भूमिकाओं की नींव रखते हैं. इंजीनियरिंग या साइंस में आगे की पढ़ाई के लिए इन विषयों पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है. यूजी कोर्स में आप ये कोर्सेस कर सकते हैं. 

Undergraduate Degree

मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कॉम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) या बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) कर सकते हैं.  इन कोर्सेस में आपको 65 प्रतिशत नंबर और 6.84/10 CGPA लाने होंगे. किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से.

Postgraduate and Doctoral Studies

एडवांस्ड रिसर्च या स्पेसिफिक पॉजिशन के लिए, स्पेस साइंस, Astrophysics, Computer Science, या satellite technology जैसे प्रासंगिक क्षेत्रों में स्नातकोत्तर (एमटेक/एमई/एमएससी) या पीएचडी डिग्री फायदेमंद होती है. इसरो अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी होल्डर की भर्ती करता है. यहां पर भर्तियां निकाली जाती है जिसमें इन क्षेत्र से ही डिमांड की जाती है. 

FAQ: चुनने के लिए प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?

मैकेनिकल इंजीनियरिंग (mechanical Engineering): लॉन्च विकल और स्पेसकार्फ्ट स्ट्रक्चर के डिजाइन और विकास के लिए ये कोर्स कर सकते हैं. 

इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग (Electronics and Communication Engineering): सेटेलाइट सिस्टम, उपकरण और कॉम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी 

कंप्यूटर विज्ञान (Computer Science): सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट, डेटा विश्लेषण और मिशन कंट्रोल सिस्टम.

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (aerospace engineering): प्रणोदन, वायुगतिकी और अंतरिक्ष यान प्रणालियां के लिए ये कोर्स कर सकते हैं. 

फिजिक्स, मैथ और एस्ट्रोनॉमी: स्पेस साइंस, Astrophysics और planetary studies में रिसर्च.

इसरो भर्ती प्रक्रिया क्या है?

तकनीकी पदों के लिए इसरो की मुख्य भर्ती इसरो केंद्रीकृत भर्ती बोर्ड (आईसीआरबी) परीक्षा के माध्यम से होती है. इस प्रक्रिया में शामिल हैं.  उम्मीदवार के विषय से संबंधित मुख्य तकनीकी अवधारणाओं पर केंद्रित एक लिखित परीक्षा होती है. परीक्षा में पास होने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू से गुजरना होगा, जिसमें प्रैक्टिकल और फिल्ड से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं. 

कुछ रिसर्च और फ़ेलोशिप पदों के लिए इंजीनियरिंग में स्नातक योग्यता परीक्षा (GATE) के अंकों पर भर्ती की जाती है.  पात्रता मानदंडों में भारतीय नागरिकता, आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएं और ऊपरी आयु सीमा (सामान्य वर्ग के लिए आमतौर पर 28 वर्ष, आरक्षित श्रेणियों के लिए छूट सहित) शामिल हैं.

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