श्रमिक अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ता नोदीप कौर पिछले महीने की 12 तारीख से जेल में हैं, और उनके खिलाफ अलग-अलग केस दर्ज कर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दो मामलों में ज़मानत मिल जाने के बावजूद वह अभी तक जेल में हैं, क्योंकि तीसरे मामले में उनकी ज़मानत अर्ज़ी पर फैसला आना बाकी है.
प्वाइंट्स में जानें क्या है पूरा मामला
ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता नोदीप को हरियाणा के कुंडली में 12 जनवरी को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह श्रमिकों के एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. उनकी गिरफ्तारी के कई दिन बाद मामला तब उछला, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी ने नोदीप की गिरफ्तारी की मांग करते लोगों की तस्वीर पोस्ट की.
कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में एक कंपनी में काम करने वाली नोदीप का दफ्तर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां दो महीने से भी ज़्यादा वक्त से किसान लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसान यूनियनों के सदस्य माता-पिता की संतान तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र कार्यकर्ता की बहन नोदीप श्रमिक अधिकारों के लिए काम करने वाली ट्रेड यूनियन 'मज़दूर अधिकार संगठन' से जुड़ी थीं.12 जनवरी को नोदीप कौर कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में 20 अन्य लोगों के साथ पारिश्रमिक की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, जिसके दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़े.
इसके बाद, नोदीप कौर को पुलिस द्वारा हत्या, जबरन वसूली, चोरी, दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने आदि आरोपों में गिरफ्तार किया गया.नोदीप कौर को FIR नंबर 26 तथा 649 के तहत दर्ज मामलों में ज़मानत हासिल हो चुकी है.
FIR नंबर 25, जिसमें नोदीप पर हत्या के प्रयास का आरोप लगा है, में ज़मानत मिल जाने के बाद ही जेल से उनकी रिहाई मुमकिन होगी.