विज्ञापन
This Article is From Oct 12, 2023

भारत और चीन के बीच 20वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई प्रगति नहीं

पूर्वी लद्दाख में टकराव के कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते.

भारत और चीन के बीच 20वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई प्रगति नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले बाकी बिंदुओं पर लंबित गतिरोध के समाधान की दिशा में भारत-चीन सैन्य वार्ता के नवीनतम चरण में कोई प्रगति नहीं हुई. घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने 9 और 10 अक्टूबर को भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर 20वें दौर की वार्ता की थी.

मामले के जानकार लोगों ने कहा कि वार्ता सौहार्दपूर्ण रही लेकिन लंबित मुद्दों के समाधान पर कोई प्रगति नहीं हुई. समझा जाता है कि बातचीत में भारतीय पक्षे ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान पर पूरा जोर दिया.

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि लंबित मुद्दों के जल्दी एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिहाज से खुले और रचनात्मक तरीके से वार्ता हुई. मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक तंत्रों के माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई.

दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व के दिशानिर्देशों के अनुसार की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आधार बनाया गया.''

पूर्वी लद्दाख में टकराव के कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था. गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध काफी प्रभावित हुए.

ये भी पढ़ें:-

हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बंद कर दी बिजली-पानी की सप्लाई, जानें कैसे हैं हालात
NDTV Explains: क्या मोसाद को 3 दिन पहले मिल चुका था हमास के हमले का इनपुट, इजिप्ट का क्या है दावा?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
आंसू, गम, गुस्‍सा : करवा चौथ पर अधूरी वीडियो कॉल... गांदरबल में आतंक के दर्द की 4 कहानियां
भारत और चीन के बीच 20वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई प्रगति नहीं
छत्‍तीसगढ़: मोहंदी में नक्‍सलियों ने किया ब्‍लास्‍ट, ITBP के कई जवान घायल
Next Article
छत्‍तीसगढ़: मोहंदी में नक्‍सलियों ने किया ब्‍लास्‍ट, ITBP के कई जवान घायल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com