बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को न केवल विश्वास मत जीते बल्कि अपने विरोधियों को जमकर घेरा। नीतीश कुमार ने अपने मुख्य विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी को अपने भाषण में चुनौती दी कि जय श्री राम के नारे से जय जीतन राम का नारा लगाने में उन्हें क्या दिक्कत आ रही है।
नीतीश ने जब विपक्ष के नेता नन्द किशोर यादव के द्वारा पिछले कुछ महीनों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ बयानों को पढ़ना शुरू किया तब नन्द किशोर यादव के पास सदन का बहिष्कार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। हां विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राज्य के विकास की चर्चा कम, राजनीतिक पैतरेबाजी ज्यादा हुई।
जब नन्द किशोर यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन को अनैतिक कहा तो नीतीश कुमार ने पूछा कि महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी का समर्थन क्या था। सबसे ज्यादा चुटकी नीतीश ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ हुए गठबंधन पर लिया और मैथिली में पूछा 'अब कहिये मन कैसा कर रहा है..।'
नीतीश ने सरकर बनाने के क्रम में शिवसेना के बयानों पर घुमा कर उनका धन्यवाद कहा और बीजेपी नेताओं से पूछा कि आखिर शिवसेना की क्यों चुनाव और उसके बाद इतनी बेइज़्ज़ती की गई। भारतीय जनता पार्टी के महादलित प्रेम पर उन्होंने पूछा कि जब ये जनता दल का आतंरिक मामला है जैसा कि नन्द किशोर यादव ने कहा तब बीजेपी इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही है।
हालांकि नन्द किशोर यादव ने कहा कि दिल्ली के चुनाव से ज्यादा खुश होने के लिए नीतीश और उनके सहयोगियों के लिए कारण नहीं बल्कि बिहार में वही होगा जो पड़ोस के झारखण्ड में हुआ। तब नीतीश कुमार ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली चुनाव के दौरान दिए गए भाषण के उस अंश को याद दिलाया जहां उन्होंने कहा था कि जो दिल्ली का मूड है वो देश का मूड है और दिल्ली ने अपना मूड दिखा दिया। और अंत में नीतीश कुमार ने बीजेपी के सदन बहिष्कार पर चुटकी लेते हुए कहा, 'जब आप मेरा सामना नहीं कर पा रहे हैं तो जनता का क्या सामना कीजियेगा और अब बीजेपी के जाने के दिन आ गए।
इस पूरे विश्वास मत में मांझी गुट के सभी 10 विधयाकों को नीतीश कुमार के समर्थन में जैसे वोट करना पड़ा उससे आने वाले दिनों में इन विधयाकों के विश्वसनीयता और उनके अभियान पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा। लेकिन सबसे ज्यादा खुश राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव होंगे जिन्होंने विश्वास मत के बहाने अपने सभी विधयाकों को नीतीश कुमार के समर्थन में वोट करवाए।
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