बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
पिछले दिनों बिहार में एक साथ 11 थाना प्रभारियों के ख़िलाफ़ शराब बंदी के काम में शिथिलता बरतने के लिए निलम्बन की कार्यवाही की गयी. पुलिस एसोसिएशन ने इस कार्यवाही के खिलाफ जमकर विरोध किया है. 200 से ज्यादा थाना प्रभारियों ने शराबबंदी के काम से अलग रखने के लिए सीएम को चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पुलिस विभाग से चेतावनी भरे लहजे में कहा की जो काम नहीं करना चाहते न करें लेकिन क़ानून सबके लिए बराबर हैं.
'विरोध का सामना करेंगे'
नीतीश ने कहा की कोई अधिकारी हो या कर्मचारी सब पर क़ानून बराबर लागू होता है, फिर वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो, अगर क़ानून का उल्लंघन होगा तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि वह डिगने वाले नहीं हैं. समाज सुधार के मुद्दे पर प्रतिरोध होता हैं और उन्हें मालूम हैं कि विरोध का सामना करना पड़ेगा.
नीतीश ने केंद्र सरकार पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कैग की रिपोर्ट ने एलपीजी स्कीम की पोल खोल दी हैं. केंद्र की फ़सल बीमा योजना पर भी नीतीश ने कहा कि यह किसान के हित में नहीं, बीमा कम्पनी के लाभ के लिए हैं. नीतीश ने बार बार कहा की उनके ऊपर शराब बन्दी का नशा नहीं, अपना वादा पूरा करने का नशा है.
'विरोध का सामना करेंगे'
नीतीश ने कहा की कोई अधिकारी हो या कर्मचारी सब पर क़ानून बराबर लागू होता है, फिर वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो, अगर क़ानून का उल्लंघन होगा तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. साथ ही नीतीश ने यह भी कहा कि वह डिगने वाले नहीं हैं. समाज सुधार के मुद्दे पर प्रतिरोध होता हैं और उन्हें मालूम हैं कि विरोध का सामना करना पड़ेगा.
नीतीश ने केंद्र सरकार पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कैग की रिपोर्ट ने एलपीजी स्कीम की पोल खोल दी हैं. केंद्र की फ़सल बीमा योजना पर भी नीतीश ने कहा कि यह किसान के हित में नहीं, बीमा कम्पनी के लाभ के लिए हैं. नीतीश ने बार बार कहा की उनके ऊपर शराब बन्दी का नशा नहीं, अपना वादा पूरा करने का नशा है.
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