सरकार ने भारत की एकता और अखंडता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) के नाम पर सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (Highest civilian award) शुरू किया है. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र होगा. यह सम्मान विशेष स्थिति और अत्यधिक सुयोग्य मामलों को छोड़कर मरणोपरांत प्रदान नहीं किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि इस पुरस्कार के साथ कोई भी मौद्रिक राशि या नकद पुरस्कार संबद्ध नहीं होगा. एक साल में तीन से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे. इस पुरस्कार की घोषणा राष्ट्रीय एकता दिवस, यानी सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को की जाएगी.
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गृह मंत्रालय द्वारा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार शुरू करने के संबंध में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है. गृह मंत्रालय ने कहा कि इस पुरस्कार का मकसद राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने और मजबूत तथा अखण्ड भारत के मूल्य को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान के लिए सम्मानित करना है. बयान में कहा गया है कि यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा. राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार समारोह के साथ एक समारोह में यह सम्मान दिया जाएगा.
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प्रधानमंत्री द्वारा एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें मंत्रिमंडल सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, गृह सचिव, सदस्य होंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन-चार गणमान्य लोग भी समिति में शामिल होंगे. बयान के अनुसार भारत में स्थित संस्था या संगठन या कोई भी भारतीय नागरिक इस पुरस्कार के लिए विचारार्थ किसी व्यक्ति को नामित कर सकता है. व्यक्ति स्वयं को भी नामांकित कर सकते हैं. राज्य सरकारें, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन और मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं. नामांकन प्रति वर्ष आमंत्रित किए जाएंगे. आवेदनों को गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से डिज़ाइन की गई वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा करना जरूरी होगा.
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