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This Article is From Feb 16, 2014

कैंटीन ठेकेदार थे नरेंद्र मोदी, कभी चायवाला नहीं थे : कांग्रेस

कैंटीन ठेकेदार थे नरेंद्र मोदी, कभी चायवाला नहीं थे : कांग्रेस
चाय पे चर्चा अभियान के दौरान मोदी (फाइल चित्र)
अहमदाबाद:

नरेंद्र मोदी के अतीत में 'चायवाला' होने के बारे में बयानों को नया रूप देते हुए कांग्रेस ने कहा कि मतदाताओं से जुड़ने के लिए अक्सर अपने अतीत का जिक्र करने वाले नरेंद्र मोदी कभी चायवाला नहीं थे, बल्कि वह एक कैंटीन ठेकेदार थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने मोदी के महत्वकांक्षी प्रचार अभियान 'चाय पे चर्चा' को चुनावी हथकंडा बताया। मोदी का नाम लिए बगैर पटेल ने कहा, चाय पे चर्चा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जाने वाला नाटक है। चाय वाला एसोसिएशन ने हमें बताया है कि वह (मोदी) कभी भी चाय नहीं बेचते थे, वह कैंटीन ठेकेदार थे।

मोदी पर सरदार बल्लभ भाई पटेल की विरासत को हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाकर वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक सीढ़ी बनाना चाहते हैं।

अहमद पटेल ने मोदी के गुजरात विकास मॉडल पर भी चुटकी ली और कहा, यह गुजरात मॉडल नहीं हो सकता है। गुजरात मॉडल महात्मा गांधी और सरदार पटेल के सिद्धांतों पर आधारित है। कुछ लोगों को दुर्घटनावश सत्ता मिल गई और उन्होंने गांधी, सरदार और (भीम राव) अंबेडकर जैसे महान नेताओं के सिद्धांतों को भुला दिया। उन्होंने कहा, लेकिन जब चुनाव आते हैं, तो वह उनका नाम जपना शुरू कर देते हैं। चुनाव आने पर वह खुद को चायवाला और राम भक्त बना लेते हैं।

विकास के मोदी के दावों पर प्रहार करते हुए पटेल ने कहा कि सामाजिक क्षेत्रों में गुजरात फिसड्डी है। पटेल ने दावा किया, गुजरात स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में फिसड्डी है। उनके दुष्प्रचार के अनुसार गुजरात नंबर एक पर है, लेकिन नीचे से। जहां तक बात प्राथमिक शिक्षा की है, गुजरात 28वें स्थान पर है।

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