बंगाल के कार्यक्रम राष्ट्रपति मुखर्जी
नई दिल्ली:
असहिष्णुता की बढ़ती आंधी के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को इस बात की गंभीर आशंका जताई कि क्या देश में सहिष्णुता और असंतोष को स्वीकार करने की प्रवृत्ति समाप्त हो रही है।
मुखर्जी ने कहा, ‘‘मानवता और बहुलवाद को किसी हालत में छोड़ा नहीं जाना चाहिए। अपनाना और आत्मसात करना भारतीय समाज की विशेषता है। हमारी सामूहिक क्षमता का उपयोग समाज में बुरी ताकतों के खिलाफ संघर्ष में किया जाना चाहिए।’’ यहां के एक स्थानीय साप्ताहिक अखबार नयाप्रजंमा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आशंका जताई कि क्या सहिष्णुता और असंतोष को स्वीकार करने की क्षमता समाप्त हो रही है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारतीय सभ्यता अपनी सहिष्णुता के दम पर 5000 वर्ष तक अपना अस्तित्व कायम रख सकी। इसने सदा असंतोष और मतभेद को स्वीकार किया है। बहुत सी भाषाएं, 1600 बोलियां और सात धर्म भारत में एक साथ अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। हमारा एक संविधान है, जो इन सभी मतभेदों को स्थान देता है।’’
Our collective strength must to be harnessed to resist evil powers in society #PresidentMukherjee
मुखर्जी ने कहा, ‘‘मानवता और बहुलवाद को किसी हालत में छोड़ा नहीं जाना चाहिए। अपनाना और आत्मसात करना भारतीय समाज की विशेषता है। हमारी सामूहिक क्षमता का उपयोग समाज में बुरी ताकतों के खिलाफ संघर्ष में किया जाना चाहिए।’’ यहां के एक स्थानीय साप्ताहिक अखबार नयाप्रजंमा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आशंका जताई कि क्या सहिष्णुता और असंतोष को स्वीकार करने की क्षमता समाप्त हो रही है।
Our collective strength must to be harnessed to resist evil powers in society #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) October 19, 2015
उन्होंने वहां मौजूद लोगों को रामकृष्ण परमहंस की ‘जौतो मौत, तौतो पौथ’ की याद दिलाई, जिसका अर्थ है कि जितनी आस्थाएं उतने ही रास्ते हैं।राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारतीय सभ्यता अपनी सहिष्णुता के दम पर 5000 वर्ष तक अपना अस्तित्व कायम रख सकी। इसने सदा असंतोष और मतभेद को स्वीकार किया है। बहुत सी भाषाएं, 1600 बोलियां और सात धर्म भारत में एक साथ अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। हमारा एक संविधान है, जो इन सभी मतभेदों को स्थान देता है।’’
Humanism and pluralism should not be abandoned under any circumstance #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) October 19, 2015
दुर्गा पूजा समारोहों की पूर्व संध्या पर मुखर्जी ने उम्मीद जताई कि सभी सकारात्मक ताकतों के समागत वाली महामाया असुरों का नाश कर देंगी।Our collective strength must to be harnessed to resist evil powers in society #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) October 19, 2015
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