
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने 26/11 के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को शुक्रवार को छह जून तक तिहाड़ जेल भेज दिया.राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने राणा की न्यायिक हिरासत अवधि खत्म होने से एक दिन पहले उसे विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. राणा को प्रत्यर्पण के बाद 11 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाया गया था. उसी दिन दिल्ली की एक अदालत ने राणा को एनआईए की हिरासत में सौंप दिया था.
भारत में राणा का कानूनी सफर
मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा को चार अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की ओर से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद 11 अप्रैल को भारत लाया गया था. अदालत ने 11 अप्रैल को ही उसे 18 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया था.
अदालत ने 28 अप्रैल को राणा की एनआईए हिरासत 12 और दिनों के लिए बढ़ा दी थी.जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि राणा भारत के लिए लश्कर-ए-तैयबा और उसके प्रमुख हाफिज सईद की मौजूदा और भविष्य की आतंकी योजनाओं के बारे में खुलासा कर सकता है. एजेंसी ने कहा कि वह राणा के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उससे नियत तरीके से पूछताछ कर रही है. हालांकि राणा ने दावा किया था कि उससे प्रतिदिन 20 घंटे पूछताछ की जा रही है.
एनआईए ने जुटाए राणा की लिखवाट और आवाज के नमूने
एनआईए ने राणा की ओर से असहयोग किए जाने का दावा करते हुए उसकी हिरासत मांगी थी.अदालत ने 30 अप्रैल को एजेंसी को राणा की आवाज और लिखावट के नमूने एकत्र करने की अनुमति दी.इसके बाद जांच एजेंसी ने तीन मई को अदालत में राणा की आवाज और लिखावट के नमूने लिए थे.इसके लिए राणा को कड़ी सुरक्षा में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) वैभव कुमार के समक्ष लाया गया था.इसके बाद एनआईए ने बंद कमरे में हुई अदालती कार्यवाही में उसकी हस्तलिपि के नमूने लिए.राणा से अक्षर और अंक लिखवाए गए थे.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक रेलवे स्टेशन, दो शानदार होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था.यह हमला करीब 60 घंटे तक चला था. इसमें 166 लोग मारे गए थे.इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे. इस हमले के दौरान आमिर अजमल कसाब नाम के एक आरोपी को जिंदा पकड़ा गया था. वहीं नौ आतंकवादी सुरक्षा बलों के साथ कार्रवाई में मारे गए थे. कसाब को फांसी की सजा सुनाई गई थी. उसे पुणे के यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी.
ये भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के बाद कहां है दाऊद इब्राहिम?
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं