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This Article is From Apr 21, 2020

मध्य प्रदेश में शिवराज की कैबिनेट का गठन आज, सिंधिया के 2 करीबियों के नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का आज गठन होगा. बीजेपी खेमे से तीन और ज्योतिरादित्य सिंधिया 2 करीबी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.

मध्य प्रदेश में शिवराज की कैबिनेट का गठन आज, सिंधिया के 2 करीबियों के नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में
भोपाल:

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का आज गठन होगा. बीजेपी खेमे से तीन और ज्योतिरादित्य सिंधिया 2 करीबी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. शपथ दोपहर 12 बजे राजभवन में होगी. बीजेपी से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री होंगे. जबकि सिंधिया खेमे के तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री बन सकते हैं. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद एक साल पुरानी कमलनाथ सरकार से गिर गई और शिवराज सिंह एक बार फिर मध्य प्रदेश की सत्ता में काबिज हो गए. दरअसल कांग्रेस की सरकार के गिरने के पीछे ज्योतिरावदित्य सिंधिया का हाथ था. सिंधिया काफी दिनों से मध्य प्रदेश में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले तक वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने चुनाव के नतीजे आने के बाद पुराने नेता कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया. इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज हो गए. लेकिन इसके बाद जब लोकसभा चुनाव बनाया गया तो सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई और सूत्रों का कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से वादा किया गया था कि चुनाव के बाद केंद्र में उन्हें बड़ा पद दिया जाएगा.

लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की इतनी बुरी हार होगी ये किसी ने सोचा न था. यहां तक कि खुद सिंधिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. मतलब अब वह लोकसभा में विपक्ष का नेता भी बनने के लायक नहीं रह गए. सिंधिया ने कांग्रेस महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया और एक तरह से वह 'क्वोरोंटाइन' में चले गए. इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की इच्छा जाहिर की लेकिन कमलनाथ इस पद पर विधानसभा चुनाव से पहले ही बैठे हुए थे. सिंधिया की यह मांग भी कांग्रेस आलाकमान ने अनसुना कर दिया.

इधर सिंधिया के समर्थक कांग्रेस विधायक भी अंदर ही अंदर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे और नतीजा यह रहा कि 22  विधायकों ने बगावत कर दी. कमलनाथ और कांग्रेस ने सरकार बचाने के लिए कोरोना वायरस  का सहारा और सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगाई लेकिन शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने से रोक नहीं पाए. 

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