Kolkata College Rape Case: पुलिस की गिरफ्त में गैंगरेप के आरोपी
- कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत को राजनीतिक सह मिलने की बात
- मोनोजीत मिश्रा के पिता ने उसके बचाव में कहा कि उसकी मां बीमार है और वह साधारण परिवार से है
- कोर्ट ने गैंगरेप के तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी है
- कॉलेज का सुरक्षा गार्ड भी मामले में गिरफ्तार किया गया और उसकी हिरासत चार जुलाई तक बढ़ाई गई
कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे है कि कैसे उसे राजनीतिक सह हासिल थी, जिसके दम पर पूरे कॉलेज में उसकी गलत हरकतों पर शिकायत के बाद कोई एक्शन नहीं हुआ. नतीजतन वो दिन पर दिन बेलगाम होता चला गया. अब मुख्य आरोपी के पिता रोबिन मिश्रा अपने बेटे मोनोजीत मिश्रा के बचाव में उतर आए है. उन्होंने कहा कि उसकी मां बीमार रहती है. मामला कोर्ट में है कुछ नहीं कहना है. मैं एक छोटे से घर रहता हूं, साधारण सा परिवार से हूं. जिन लड़कियों ने आरोप लगाए है, आरोप लगाना क्या कोई नई बात है. मुझे फांसी पर लटका दो ,मीडिया ट्रायल चल रहा है. मोनोजीत पढ़ाई में अच्छा था इसलिए तो वकील बना.

गैंगरेप के 3 आरोपियों की हिरासत बढ़ाई
एक अदालत ने कोलकाता के कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत मंगलवार को बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी. इन तीनों में मुख्य संदिग्ध मनोजीत मिश्रा तथा दो अन्य छात्र - जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं. मिश्रा ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज' का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी था। इसी कॉलेज में 25 जून की शाम को यह घटना घटी थी. इन तीन आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें शुरू में चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
ये भी पढ़ें ; कोलकाता गैंगरेप केस: मनोजीत को बचाने के लिए वकील ने कोर्ट में दी क्या सबसे बड़ी दलील?
कॉलेज का सुरक्षा गार्ड भी गिरफ्तार
मंगलवार को अलीपुर अदालत में पेश करने पर उनकी पुलिस हिरासत आठ दिन बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी गई. इस मामले में कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी 28 जून को गिरफ्तार किया गया था. उसकी पुलिस हिरासत चार जुलाई तक बढ़ा दी गई है. पुलिस हिरासत की अवधि सरकारी वकील और जांच अधिकारी के अनुरोध के बाद बढ़ाई गई, जिन्होंने आरोपी से पूछताछ के लिए और समय मांगा था. सूत्रों के अनुसार, तीनों आरोपियों - मिश्रा, अहमद और मुखर्जी - के वकीलों ने जमानत याचिका दायर नहीं की, बल्कि अदालत को बताया कि आरोपी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने में मदद करने के इच्छुक हैं.

बचाव पक्ष के वकील ने क्या कुछ कहा
उन्होंने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आरोप साबित होने से पहले कोई ‘मीडिया ट्रायल' न हो और अनुरोध किया कि इस प्रक्रिया में अभियुक्त को “परेशान” न किया जाए. बचाव पक्ष के वकील ने अनुरोध किया कि उन्हें आरोपियों के साथ अपराध स्थल पर जाने की अनुमति दी जाए तथा पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ के दौरान भी उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि जांचकर्ताओं ने शिकायतकर्ता के मोबाइल की भी जांच की थी या नहीं.
ये भी पढ़ें ; पीड़िता ने गिड़गिड़ाकर मांगा इन्हेलर, मोनोजीत की नीयत में थी दरिंदगी... कोर्ट में आज हुए कई खुलासे
पुलिस हिरासत की अवधि सरकारी वकील और जांच अधिकारी की प्रार्थना के बाद बढ़ाई गई, जिन्होंने आरोपी से पूछताछ के लिए अधिक समय मांगा था. इस बीच, गिरफ्तार सुरक्षा गार्ड के वकील ने जमानत की गुहार लगाते हुए तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अपनी ड्यूटी की जगह छोड़कर नहीं गया था. उन्होंने यह भी कहा कि गार्ड की आय बहुत सीमित है और वह किसी भी तरह से बलात्कार के कृत्य में शामिल नहीं था. अदालत ने हालांकि याचिका खारिज कर दी और उसकी पुलिस हिरासत भी बढ़ा दी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं