- कोलकाता गैंगरेप के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा पर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं
- सभी मामलों में मोनोजीत को जमानत मिलती रही है
- सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी मुखर्जी ने मोनोजीत के खिलाफ शिकायत की थी
- मोनोजीत ने गार्ड को कॉलेज में घुसने से रोका था और पिटाई की थी
कोलकाता गैंगरेप के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा उर्फ मैंगो के पापों की लिस्ट सामने आती जा रही है. बताया जा रहा है कि उस पर 4-5 नहीं, बल्कि 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं और सभी मामलों में उसे जमानत मिल जाती थी. लेकिन इस बार वो बुरी तरह से फंस चुका है. अब उस गार्ड के मालिक का बयान भी सामने आया है, जिसे पुलिस ने अरेस्ट किया है. जिस सिक्योरिटी कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी मुखर्जी को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसके मालिक विनायक दास ने खुलासा किया कि मोनोजीत लॉ कॉलेज में तैनात सिक्योरिटी गार्ड की पिटाई करता था.
''सिक्योरिटी गार्ड को इतना मारा...'
सिक्योरिटी कंपनी के मालिक विनायक दास ने कहा कि एक साल पहले जब सिक्योरिटी गार्ड ने कॉलेज में शाम के वक्त मोनोजीत को कॉलेज में घुसने से मना किया तो वो गेट फांदकर कॉलेज में घुसा और सिक्योरिटी गार्ड को इतना मारा कि उसका कान का पर्दा फट गया था. उस वक्त सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस और कॉलेज प्रशासन से शिकायत भी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उसने कॉलेज के कॉलेज के लायब्रेरियन को बुरी तरह मारा था.
सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी का मोबाइल छीनकर उसे रूम में बंद कर दिया
गार्ड बताते थे कि कॉलेज में सारा काम मैंगो दादा देखता है और उससे हर कोई डरता है. घटना वाले दिन आरोपियों मेरे सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी का मोबाइल छीनकर उसे यूनियन रूम में बंद कर दिया था और उसकी पिटाई भी की थी. फिर करीब 40 मिनट बाद यूनियन रूम खोला और पिनाकी का मोबाइल उसे वापस लौटाया.
'पिनाकी पर पहले से कोई केस नहीं'
अगले दिन मैंने पिनाकी से पूछा कि आपने घटना के बारे में किसी को क्यों नहीं बताया. गार्ड ने बताया मैं बहुत डर गया था. अगर मैं बताता तो मैंगो दादा मेरी पिटाई करता और उसका कुछ नहीं होता है. पिनाकी की गलती यही है कि उसने घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया. हम हर गार्ड का वेरिफिकेशन करवाते हैं, पिनाकी पर पहले से कोई केस नहीं है. लॉ कॉलेज में 2022 से मैं सर्विस दे रहा हूं. पहले एक साल केवल नाइट में एक गार्ड रहता था. फिर 2 गार्ड ड्यूटी करने लगे एक दिन और एक रात में.
सूत्रों के मुताबिक उस पर 11 आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं. इनमें से कई मामले महिलाओं के साथ छेड़खानी और उनके साथ बदसलूकी के हैं. सभी मामलों में वो जमानत पर था. ये भी सामने आ रहा है कि पीड़ित लड़की जिस दिन से कॉलेज पहुंची, तब से ही वो मोनोजीत के निशाने पर थी. मोनोजीत को लगता था कि वो कुछ भी करता रहेगा और बच जाएगा, लेकिल इस बार वो पकड़ा गया.
25 जून को हुए लॉ कॉलेज छात्रा के गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा ने अपराध करने के बाद कुछ भरोसेमंद साथियों को कॉलेज में रुककर कासबा पुलिस स्टेशन के आसपास निगरानी करने को कहा था. कॉलेज से पुलिस स्टेशन करीब एक किलोमीटर दूर है. इसके बाद मैंगो दूसरे आरोपी प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद के साथ कॉलेज से निकल गया. अगले दिन सुबह मोनोजित ने एक कॉलेज अधिकारी को कॉल किया और पुलिस के आने के बारे में पूछा. उसी दिन मोनोजीत के साथी प्रमित ने एक वकील से संपर्क किया और दोनों ने कई कॉलेज के वरिष्ठ छात्रों से भी मदद मांगी, लेकिन बताया जा रहा है कि उन्हें किसी ने मदद नहीं की. 26 जून की शाम मोनोजित और जैब बैलीगंज रेलवे स्टेशन के पास आए, जहां पुलिस ने उन्हें शाम 6:25 बजे ट्रेस किया और लगभग एक घंटा बाद तालबागान से गिरफ्तार कर लिया.
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