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क्‍या बड़ा दांव खेलने की प्‍लानिंग कर रहे अजित पवार, महाराष्‍ट्र चुनाव से पहले बढ़ा अटकलों का बाजार

Ajit Pawar: क्‍या अजित पवार के अगले कदम से महाराष्‍ट्र का सियासी समीकरण बदल जाएगा. अगर ऐसा होता है, तो महाराष्‍ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्‍प हो जाएंगे.

क्‍या बड़ा दांव खेलने की प्‍लानिंग कर रहे अजित पवार, महाराष्‍ट्र चुनाव से पहले बढ़ा अटकलों का बाजार
अजित पवार क्‍या करने जा रहे हैं...
मुंबई:

महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन उठापटक शुरू हो गई है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में सबकुछ ठीक है. मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि ‘महायुति' महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तैयार... लेकिन क्‍या वाकई ऐसा है? दरअसल, अजित पवार हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक से जल्दी चले गए. इसके बाद ये सवाल उठने लगे कि क्‍या महायुति में सबकुछ ठीक है? महाराष्‍ट्र की राजनीति के जानकार कहते हैं कि राज्‍य में शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. वोटरों को यह बताने का समय आ गया है कि किसमें कितना दम है, क्‍योंकि चुनावी दंगल में जिसका जितना बढ़ा कद होगा, उतना ही उसे फायदा होगा.  

क्‍या महाराष्‍ट्र में शुरू हो गया प्रेशर गेम

अजित पवार एक बार पहले बीजेपी के साथ खेला कर चुके हैं. बीजेपी के साथ उन्‍होंने सरकार बना ली थी, लेकिन फिर अलग हो गए थे. लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर चांस लिया और शिवसेना के साथ-साथ राकांपा को भी अपने साथ जोड़ा और महायुति बनाया. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा सीटों के चुनाव अगले महीने हो सकते हैं. इसलिए अब प्रेशर गेम शुरू हो गया है, जो महायुति के बीच सीटों के बंटवारे तक चलेगा. अजित पवार ने अभी तक कुछ कहा, तो नहीं है... लेकिन बृहस्पतिवार को मुंबई में हुई महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में पवार की कुछ देर की उपस्थिति ने लोगों को चौंका दिया, खासकर इसलिए क्योंकि उनकी अनुपस्थिति में वित्तीय रूप से महत्वपूर्ण कई निर्णय लिए गए थे. मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अजित पवार की अनुपस्थिति में महत्‍वपूर्ण निर्णय लेकर अपने इरादे साफ कर दिये हैं. अब अजित पवार इसका क्‍या जवाब देते हैं, ये देखना दिलचस्‍प होगा. 

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अजित पवार को लेकर बढ़ता जा रहा अटकलों का बाजार 

महाराष्‍ट्र चुनाव से पहले अजित पवार राजनीतिक माहौल को गर्म कर सकते हैं. वह लगातार अपना कुनबा बड़ा रहे हैं. अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति' गठबंधन में मौजूदगी और उनकी पार्टी द्वारा कुछ भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी प्रचार का विरोध करने के बाद मतभेद पैदा हो गए थे. इसके बाद लगातार महाराष्‍ट्र की राजनीति में अटकलें लग रही हैं. इस बीच अजित पवार का मंजिमंडल की बैठक को बीच में छोड़कर चले जाने पर कयासों का बाजार और गर्म हो गया.         

अजित पवार बोले सबकुछ ठीक, लेकिन...!

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्रिमंडल की बैठक से जल्दी चले जाने के बाद शुरू हुईं अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में सबकुछ ठीक है. उन्होंने कहा, 'मुझे मराठवाड़ा क्षेत्र के अहमदपुर में एक निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जल्दी रवाना होना था. कल लिए गए सभी निर्णयों को मेरी मंजूरी प्राप्त है.' पवार ने कहा, 'सब कुछ ठीक है और राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किसी भी विवाद की अटकलें निराधार हैं.' अजित पवार के जाने के बाद ढाई घंटे तक चली बैठक में 38 निर्णय लिए गए, जिनमें से कई निर्णय वित्तीय रूप से काफी महत्वपूर्ण थे.

कांग्रेस का आरोप- दरकिनार किये जा रहे अजित पवार 

इस बीच कांग्रेस ने महायुति में सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अजित पवार को दरकिनार करने की कोशिश हो रही है. यह भी देखने को मिल रहा है कि लगभग हर कैबिनेट की बैठक में विवाद देखने को मिल रहा है. सत्‍तारूढ़ पार्टियों के बीच ये विवाद राज्‍य की जनता के हित में नहीं है. वडेट्टीवार ने आरोप लगाए कि महायुति में कुछ ऐसे फैसले लिये जा रहे हैं, जो अजित पवार को मंजूर नहीं हैं. इसलिए उन्‍होंने कैबिनेट की बैठक से दूरी बनाई, ताकि ठीकरा उन पर न फोड़ा जा सके.


    
क्‍या अजित पवार करेंगे कोई उलटफेर

महाराष्‍ट्र की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्‍या अजित पवार कोई बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं. क्‍या अजित पवार के अगले कदम से महाराष्‍ट्र का सियासी समीकरण बदल जाएगा. अगर ऐसा होता है, तो महाराष्‍ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्‍प हो जाएंगे. क्‍योंकि महाराष्‍ट्र में इस समय शिवसेना और राकांपा ऐसी पार्टियां हैं, जो दो भागों में बंट चुकी हैं. अब महाराष्‍ट्र की जनता इन निर्णयों को कैसे देख रही है, इसका पता भी चल जाएगा. ऐसे में अजित पवार जो कदम उठाएंगे, वो उनका भविष्‍य तय करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 

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