राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में हुए नवजात शिशुओं के मौत को लेकर राजनीति भी गरमा रही है. इस मामले में राज्य सरकार की जांच टीम ने पाया है कि इनक्यूबेटर (Incubator) जैसे उपकरणों में कमी थी और कई सही ढंग से काम नहीं कर रहे थे. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुराने आंकड़ों को उठाते हुए दावा किया कि पिछले कई सालों के मुक़ाबले इस साल बच्चों की मौतें कम हुई हैं. वहीं बीजेपी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. बीएसपी सुप्रीमो ने तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा ''अच्छा होता कि वह उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान जातीं और उन गरीब पीड़ित माओं से मिलतीं.'' योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर सोनिया और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ''कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुखद और हृदय विदारक है. माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं''.
इसके साथ ही कोटा से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नवजात शिशुओं की मौत को दुखद घटना बताते हुए आज कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करें. बिरला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कोटा मेरा लोकसभा क्षेत्र है और कोई भी ऐसी घटना मुझे कष्ट पहुंचाती हैं. मैं खुद वहां गया था इस विषय पर राज्य सरकार से भी आग्रह किया और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन से भी मेरी बात हुई है कि किस प्रकार से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार मिलकर काम कर सकते हैं.'' इस बीच, केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल आज को कोटा पहुंचेगा.
कोटा में 100 नवजात बच्चों की मौत पर भड़के अनुराग कश्यप, ट्वीट कर कही यह बात
केन्द्र ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन भी दिया है. मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से बच्चों की मौत और अशोक गहलोत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली. कोटा के सरकारी जे के लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत की संख्या अब (दिसंबर और जनवरी माह में) करीब 104 हो गई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन किया और उनसे कोटा के सरकारी अस्पताल का दौरा करने तथा वहां की व्यवस्थाएं व्यक्तिगत रूप से देखने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को फोन किया और उनसे आग्रह किया कि वे खुद कोटा आएं, ताकि देख सकें कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने वहां कैसी श्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए समुचित प्रबंध किया है.' गहलोत ने कहा, ‘‘हर्षवर्धन खुद एक चिकित्सक हैं, इसलिए अगर वह कोटा के अस्पताल का दौरा करते हैं तो उन लोगों के लिए भी स्थिति स्पष्ट होगी जो जाने-अनजाने में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.'' (इनपुट : भाषा से भी)
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