लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा में चल रही चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विधेयक को पास नहीं कराने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया।
सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए सिंघवी ने भाजपा का इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट नहीं होने का भी आरोप लगाया।
लोकपाल विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करने वाले विपक्ष के नेता अरुण जेटली पर हमला करते हुए सिंघवी ने कहा कि मूलभूत सवाल यह है कि आप लोकपाल विधेयक पास करवाना चाहते हैं या नहीं?
सिंघवी ने कहा, "भाजपा विधेयक के लिए ऐसी नाजुक स्थिति में बयान दे रही है और वह कर रही है कि वे मजबूत और समग्र विधेयक चाहती है लेकिन तीन माह बाद। वह इस स्थिति को विधेयक को पास नहीं कराने के लिए बहाने के रूप में प्रयोग कर रही है।"
उन्होंने कहा, "यदि आप विधेयक पास नहीं करवाना चाहते हैं तो ऐसा कीजिए और बहाने छोड़ने का हिम्मत दिखाइए।"
उन्होंने भाजपा से कहा, "राष्ट्र से यह मत छिपाइए कि आप विधेयक पास करवा रहे हैं और दूसरे सदन आपके साथी कहते हैं कि इसे स्थाई समिति के पास भेज दीजिए.. कृपया अपनी प्रतिबद्धता के प्रति ईमानदार रहिए और एक रुख अख्तियार कीजिए।"लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर सिंघवी का कहना है था कि देश में ऐसा कौन-सा पद है जहां पर नियुक्ति में सरकार का बहुमत नहीं है। लोकपाल की नियुक्ति में सरकार ने बहुत पारदर्शिता बरती है। वहीं उन्होंने कहा कि चयन समिति में सरकार के लोग कम हैं। सरकार ने राज्यसभा में विपक्ष से बिल पास करवाने में मदद करने की अपील भी की। साथ ही उनका कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ कि देश में जांच और मुकदमा दर्ज करने का काम अलग-अलग एजेंसी के पास होगा।
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