केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को पूरे देश में न्यूनतम मजदूरी को एकसमान करने के उद्देश्य से विधेयक पेश किया. सरकार ने वेतन भुगतान विधेयक-1936, न्यूनतम वेतन विधेयक-1948, बोनस भुगतान विधेयक-1965 और समान वेतन अधिनियम-1976 का एक में विलय कर लोकसभा में वेतन संहिता विधेयक-2017 पेश किया. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक का विरोध किया और हड़बड़ी में विधेयक पेश किए जाने को लेकर सवाल उठाए.
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हड़बड़ी में विधेयक पेश करने का आरोप
प्रेमचंद्रन ने कहा, आप बेहद हड़बड़ी में एक विधेयक पेश कर रहे हैं. इससे संकेत जाता है कि आप सवालों से बचना चाहते हैं. गौरतलब है कि सदन के कार्यक्रम सूची में गुरुवार को विधेयक पेश किए जाने का जिक्र नहीं था और सदन की कार्यवाही शुरू होने से थोड़ा ही पहले कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए इस विधेयक को अनुपूरक सूची में डाला गया.
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श्रमिकों के हित में है यह विधेयक
प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं है, लेकिन श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वह अभी सिर्फ विधेयक पेश कर रहे हैं. जब विधेयक पर चर्चा बुलाई जाएगी तो सदस्यों को समय दिया जाएगा. दत्तात्रेय ने कहा कि यह विधेयक श्रमिकों के ही हित में है. उन्होंने कहा, हम पहली बार पूरे देश में न्यूनतम वेतन को एकसमान करने जा रहे हैं. इसके तहत असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को भी न्यूनतम वेतन मिल सकेगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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हड़बड़ी में विधेयक पेश करने का आरोप
प्रेमचंद्रन ने कहा, आप बेहद हड़बड़ी में एक विधेयक पेश कर रहे हैं. इससे संकेत जाता है कि आप सवालों से बचना चाहते हैं. गौरतलब है कि सदन के कार्यक्रम सूची में गुरुवार को विधेयक पेश किए जाने का जिक्र नहीं था और सदन की कार्यवाही शुरू होने से थोड़ा ही पहले कार्यक्रम में परिवर्तन करते हुए इस विधेयक को अनुपूरक सूची में डाला गया.
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श्रमिकों के हित में है यह विधेयक
प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं है, लेकिन श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वह अभी सिर्फ विधेयक पेश कर रहे हैं. जब विधेयक पर चर्चा बुलाई जाएगी तो सदस्यों को समय दिया जाएगा. दत्तात्रेय ने कहा कि यह विधेयक श्रमिकों के ही हित में है. उन्होंने कहा, हम पहली बार पूरे देश में न्यूनतम वेतन को एकसमान करने जा रहे हैं. इसके तहत असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को भी न्यूनतम वेतन मिल सकेगा.
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