नई दिल्ली:
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अब नितिन गडकरी के बचाव में उतरे हैं। उन्होंने बाकायदा बयान जारी करके गडकरी को बधाई दी है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
आडवाणी का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। आडवाणी ने यह भी कहा है कि बीजेपी यूपीए के भ्रष्टाचार से लड़ती रहेगी।
एनडीटीवी ने गडकरी के पूर्ति ग्रुप के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के कई मामलों का खुलासा किया है। एनडीटीवी की जांच में पता चला है कि गडकरी जब महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तब आइडियल रोड बिल्डर्स नाम की एक कंपनी को कई ठेके मिले और इसी कंपनी ने बाद में गडकरी की कंपनी पूर्ति ग्रुप में भारी निवेश किया।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर सवाल गहरा गए हैं। नितिन गडकरी पर तमाम आरोप निम्न हैं -
− क्या पूर्ति ग्रुप को फर्जी कंपनियों या शेल कंपनियों से पैसा मिला
− क्या गडकरी ने महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) को फायदा पहुंचाया
− क्या आईआरबी ने पूर्ति ग्रुप में पैसा नहीं लगाया
− क्या ये फायदे के बदले में फायदा पहुंचाना नहीं है
नितिन गडकरी और आइडियल रोड बिल्डर्स में कारोबारी रिश्तों की कहानी ये आकंड़े बयां करते हैं।
− 1995−99 गडकरी महाराष्ट्र के PWD मंत्री थे।
− 1995−99 आइडियल रोड बिल्डर्स को 63 करोड़ के छह प्रोजेक्ट मिले। इनमें मुंबई−पुणे एक्सप्रेस-वे का ठेका भी शामिल है।
− 1996−99 आइडियल रोड बिल्डर्स का टर्नओवर 41 करोड़ से बढ़कर 67 करोड़ हुआ।
इस बीच नितिन गडकरी की पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड को लेकर नए खुलासों का सिलसिला जारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि राजेश खान्जोडे नाम के एक कर्मचारी को भी पीपीएसएल का एक निदेशक बनाया गया है। इसके अलावा मुंबई के एक ज्योतिषी का नाम भी निदेशकों की सूची में है।
अखबार का यह भी कहना है कि गडकरी के जिस ड्राइवर मनोहर पंसे को डायरेक्टर बनाया गया है, उसे इस फैसले की जानकारी भी नहीं है। खान्जोडे को भी नहीं मालूम कि वह कंपनी का एक निदेशक है।
आडवाणी का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। आडवाणी ने यह भी कहा है कि बीजेपी यूपीए के भ्रष्टाचार से लड़ती रहेगी।
एनडीटीवी ने गडकरी के पूर्ति ग्रुप के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के कई मामलों का खुलासा किया है। एनडीटीवी की जांच में पता चला है कि गडकरी जब महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तब आइडियल रोड बिल्डर्स नाम की एक कंपनी को कई ठेके मिले और इसी कंपनी ने बाद में गडकरी की कंपनी पूर्ति ग्रुप में भारी निवेश किया।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर सवाल गहरा गए हैं। नितिन गडकरी पर तमाम आरोप निम्न हैं -
− क्या पूर्ति ग्रुप को फर्जी कंपनियों या शेल कंपनियों से पैसा मिला
− क्या गडकरी ने महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) को फायदा पहुंचाया
− क्या आईआरबी ने पूर्ति ग्रुप में पैसा नहीं लगाया
− क्या ये फायदे के बदले में फायदा पहुंचाना नहीं है
नितिन गडकरी और आइडियल रोड बिल्डर्स में कारोबारी रिश्तों की कहानी ये आकंड़े बयां करते हैं।
− 1995−99 गडकरी महाराष्ट्र के PWD मंत्री थे।
− 1995−99 आइडियल रोड बिल्डर्स को 63 करोड़ के छह प्रोजेक्ट मिले। इनमें मुंबई−पुणे एक्सप्रेस-वे का ठेका भी शामिल है।
− 1996−99 आइडियल रोड बिल्डर्स का टर्नओवर 41 करोड़ से बढ़कर 67 करोड़ हुआ।
इस बीच नितिन गडकरी की पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड को लेकर नए खुलासों का सिलसिला जारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि राजेश खान्जोडे नाम के एक कर्मचारी को भी पीपीएसएल का एक निदेशक बनाया गया है। इसके अलावा मुंबई के एक ज्योतिषी का नाम भी निदेशकों की सूची में है।
अखबार का यह भी कहना है कि गडकरी के जिस ड्राइवर मनोहर पंसे को डायरेक्टर बनाया गया है, उसे इस फैसले की जानकारी भी नहीं है। खान्जोडे को भी नहीं मालूम कि वह कंपनी का एक निदेशक है।
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