
रामविलास पासवान नहीं लड़ेंगे चुनाव
नई दिल्ली:
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अगले साल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनसे जुड़े करीबी सूत्र बताते हैं कि वह अब लोकसभा की जगह राज्यसभा जाने की तैयारी मे हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा जगह का भी चयन कर लिया है. अगर ऐसा होता है तो यह दूसरी बार होगा जब रामविलास पासवान अपने राजनीतिक करियर में राज्यसभा से चुनकर संसद में जाएंगे. इससे पहले वह 2010 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे. गौरतलब है कि रामविलास पासवान से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रमुख अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के महासचिव अब्दुल हमीद हयात ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महागठबंधन के प्रमुख पदाधिकारियों ने एक अहम फैसला लेते हुए यह तय किया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी, राज्य के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ेंगे.
यह भी पढ़ें: रामविलास पासवान ऊंची जाति के युवाओं को दिखा रहे हैं आरक्षण का सब्जबाग : शिवानंद तिवारी
हयात ने बताया कि इस विषय पर पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के कार्यकर्ता, महागठबंधन के पदाधिकारियों के बीच इस बात को उठा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को पहले चरण में बस्तर की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसी कारणवश इस संबंध में तत्काल फैसला लेने की आवश्यकता है. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने भी कुछ दिन पहले ही 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाड ने यह जानकारी दी थी. पवार के पुणे लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए आव्हाड ने पत्रकारों को बताया था कि पवार ने 2014 में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
यह भी पढ़ें: पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी बताया
पवार ने पार्टी से उनके नाम पर विचार नहीं करने को कहा था क्योंकि वह प्रत्याशी नहीं बनेंगे. पार्टी की बैठक में, पवार ने कहा था कि वह (लोकसभा चुनाव की) दौड़ में नहीं है. किसी को भी उनका नाम प्रस्तावित नहीं करना चाहिए. आव्हाड ने इस बात से भी इनकार किया कि राकांपा प्रमुख ने मवाल लोकसभा सीट से पार्थ पवार की उम्मीदवारी का विरोध किया है. पार्थ पवार वरिष्ठ नेता अजित पवार के बेटे है. आव्हाड ने कहा कि प्रारंभिक चर्चा जारी है. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: SC/ST एक्ट को लेकर रामविलास पासवान पर बरसे जीतन राम मांझी, कहा- सिर्फ श्रेय लेना चाहते हैं
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार पार्टी की राज्य इकाई के दफ्तर में एनसीपी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए पिछले दो दिन से बैठक कर रहे हैं. इन सब के बीच रामविलास पासवान की पार्टी बिहार में सीट हिस्सेदोरी को लेकर किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं दिख रही है. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि लोजपा किसी भी हालत में राज्य में सात सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी.
VIDEO: सरकार को चिराग का अल्टीमेटम.
उन्होंने कहा कि हम पहले भी सात सीटों पर चुनाव लड़े थे और इस बार भी सात सीटों पर ही लड़ने की तैयारी में हैं. पार्टी की लोकप्रियता पहले से काफी बढ़ी है, और इस कारण लोजपा को झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी सीटें चाहिए.
यह भी पढ़ें: रामविलास पासवान ऊंची जाति के युवाओं को दिखा रहे हैं आरक्षण का सब्जबाग : शिवानंद तिवारी
हयात ने बताया कि इस विषय पर पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के कार्यकर्ता, महागठबंधन के पदाधिकारियों के बीच इस बात को उठा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को पहले चरण में बस्तर की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसी कारणवश इस संबंध में तत्काल फैसला लेने की आवश्यकता है. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने भी कुछ दिन पहले ही 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाड ने यह जानकारी दी थी. पवार के पुणे लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए आव्हाड ने पत्रकारों को बताया था कि पवार ने 2014 में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
यह भी पढ़ें: पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी बताया
पवार ने पार्टी से उनके नाम पर विचार नहीं करने को कहा था क्योंकि वह प्रत्याशी नहीं बनेंगे. पार्टी की बैठक में, पवार ने कहा था कि वह (लोकसभा चुनाव की) दौड़ में नहीं है. किसी को भी उनका नाम प्रस्तावित नहीं करना चाहिए. आव्हाड ने इस बात से भी इनकार किया कि राकांपा प्रमुख ने मवाल लोकसभा सीट से पार्थ पवार की उम्मीदवारी का विरोध किया है. पार्थ पवार वरिष्ठ नेता अजित पवार के बेटे है. आव्हाड ने कहा कि प्रारंभिक चर्चा जारी है. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: SC/ST एक्ट को लेकर रामविलास पासवान पर बरसे जीतन राम मांझी, कहा- सिर्फ श्रेय लेना चाहते हैं
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार पार्टी की राज्य इकाई के दफ्तर में एनसीपी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए पिछले दो दिन से बैठक कर रहे हैं. इन सब के बीच रामविलास पासवान की पार्टी बिहार में सीट हिस्सेदोरी को लेकर किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं दिख रही है. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि लोजपा किसी भी हालत में राज्य में सात सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी.
VIDEO: सरकार को चिराग का अल्टीमेटम.
उन्होंने कहा कि हम पहले भी सात सीटों पर चुनाव लड़े थे और इस बार भी सात सीटों पर ही लड़ने की तैयारी में हैं. पार्टी की लोकप्रियता पहले से काफी बढ़ी है, और इस कारण लोजपा को झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी सीटें चाहिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं