"शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के करीबी को ₹ 1 करोड़ दिए" : सीबीआई की FIR में ये हैं 5 मुख्य आरोप

जांच एजेंसी ने इस केस में मनीष सिसोदिया के आधिकारिक आवास समेत सात राज्यों के कुल 21 स्थानों पर छापेमारी की है.

नई दिल्‍ली :

सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया औऱ कुछ अफसरों के घर आबकारी नीति के मामले में छापेमारी की, जो करीब 10 घंटे बाद भी जारी है. इस मामले में सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाने के साथ कुल 15 लोगों पर आरोप लगाए हैं. एफआईआर में कहा गया है कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के करीबी को एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जांच एजेंसी ने एक्साइज पॉलिसी 2021 को लागू करने में कथित तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. 

सीबीआई की एफआईआर में अन्‍य मुख्‍य आरोप इस प्रकार है

1. आबकारी नीति को बनाने और इसके क्रियान्‍वयन में शराब कंपनियां और बिचौलिये सक्रिय रूप से शामिल हुए.
 2. शराब लाइसेंसधारियों से मनीष सिसोदिया के करीबी अमित अरोरा, दिनेश अरोरा और अर्जुन पांडे ने कमीशन लिया. 
3. मेसर्स इंडोस्प्रिट्स ने सिसोदिया के करीबी सहयोगी दिनेश अरोरा से जुड़ी कंपनी को एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. 
4. अर्जुन पांडे ने एक बार समीर महेंद्रू से विजय नायर की ओर से अफसरों को देने के लिए लगभग 2-4 करोड़ रुपये इकठ्ठे किए.

गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने इस केस में मनीष सिसोदिया के आधिकारिक आवास समेत सात राज्यों के कुल 21 स्थानों पर छापेमारी की है. कहा जा रहा है कि सिसोदिया की गाड़ी की भी तलाशी ली गई है. सीबीआई ने एफआईआर में कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया है, इसमें आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. आबकारी मंत्रालय संभालने वाले सिसोदिया के अलावा, सीबीआई ने आरोपी के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया है. ये एफआईआर केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिये एलजी से मिली जांच एजेंसी को मंजूरी के बाद दर्ज की गई है. 

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जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी नौकरशाहों ने "टेंडर के बाद लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ देने के इरादे से" सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया. इसमें कहा गया है कि एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्प्रिट्रिस के मालिक अमनदीप ढाल और इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में हुई गड़बड़ी में शामिल रहे हैं.