कमलेश तिवारी हत्याकांड : 3 दिन के अंदर पुलिस अधिकारियों के तीन अलग-अलग बयान?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कमलेश के परिजनों से बात मुलाकात की है. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच पुलिस की ओर से आए बयानों पर भी सवाल उठ रहे  हैं.  

कमलेश तिवारी हत्याकांड : 3 दिन के अंदर पुलिस अधिकारियों के तीन अलग-अलग बयान?

CM योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी के परिजनों से मुलाकात की है.

खास बातें

  • हत्या को अंजाम देने वाले गिरफ्त से बाहर
  • अब तक 5 हिरासत में
  • परिजनों से मिले सीएम योगी आदित्यनाथ
लखनऊ:

लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस ने अब तक 5 लोगों को हिरासत में लिया है. जिसमें तीन लोग सूरत से और 2 लोग उत्तर प्रदेश से हैं. हालांकि जिन 2 लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है वह अभी गिरफ्त से दूर हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि कमलेश की हत्या उनके पैगंबर को लेकर दिए गए एक बयान की वजह से की गई है. वहीं पुलिस को इस मामले में कुछ सबूत मिले हैं. जिसमें सीसीटीवी फुटेज, तमंचा, होटल से बरामद भगवा रंग का कुर्ता शामिल हैं. इसके साथ ही सूरत की एक दुकान का डिब्बा भी शामिल है. लेकिन इस बीच कमलेश तिवारी का परिजनों का कहना है कि उनको पुलिस की जांच में पूरी तरह से विश्वास नहीं हो रहा है. कमलेश के बेटे सत्यम तिवारी का कहना है कि जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है अगर उनके खिलाफ कोई सबूत है तो मामले की जांच एएनआई करे. वहीं परिवार ने इस हत्याकांड में एक बीजेपी नेता का भी नाम लिया है. मामले में फजीहत होते देख उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से परिवार के बेटे को सरकारी नौकरी, सुरक्षा और आवास देने का आश्वासन दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कमलेश के परिजनों से बात मुलाकात की है. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच पुलिस की ओर से आए बयानों पर भी सवाल उठ रहे  हैं.  

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने 18 अक्टूबर को कहा :  शुरुआती जांच में यह आपसी रंजिश का मामला लगता है. लोग उनसे मिलने आए थे, और उनसे कुछ दुश्मनी थी. ऐसा लगता है कि ये लोग कमलेश तिवारी को जानते थे. ऐसा लगता है कि किसी जानने वाले ने ही तिवारी की हत्या की है.

डीजीपी ओपी सिंह ने 19 अक्टूबर को कहा : इस हत्याकांड में गुजरात तक कनेक्शन मिलने के बाद भी अभी तक आरोपियों का किसी आतंकवादी समूह से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं. पहली नजर में यह हत्या तिवारी की हत्या उनके साल 2015 में दिए गए बयान की वजह से हुई है. हालांकि इस मामले में सभी आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही साफ हो सकेगा. 
 
डीजीपी ओपी सिंह ने 21अक्टूबर को कहा :  मैं किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहा हूं.' (जब उनसे सवाल किया गया कि क्या किसी आतंकवादी संगठन से भी रिश्ता है जिस पर वह एक दिन पहले इनकार कर चुके थे) उन्होंने कहा- देखिए, कई तरह के आतंकी मॉड्यूल हैं. कुछ स्वयंभू मॉड्यल्स हैं. स्लीपर मॉड्यूल भी हैं. कुछ मॉड्यूल आतंकी संगठनों से भी जुड़े हैं. हम कोण से जांच कर रहे हैं. जब बाकी आरोपियों को पकड़ लेंगे, तभी पूरा सच जान पाएंगे.

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद वापस होटल आए थे आरोपी​

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