कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari murder case) में एक नई जानकारी सामने आई है कि हत्यारे उसे गुजरात बुलाकर मारना चाहते थे लेकिन कमलेश के वहां नहीं पहुंचने से उन्होंने लखनऊ आकर उसकी हत्या कर दी. गुजरात ATS के सूत्रों से एनडीटीवी को पता चला है कि हत्यारोपी अशफाक ने रोहित सोलंकी नाम से एक फेसबुक अकाउंट खोला था, जिस पर वह हिंदूवादी पोस्ट लिखा करता था. उसी फेसबुक से उसने कमलेश तिवारी और हिंदू समाज पार्टी गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष, जयमिन बाबू से दोस्ती की. इतना ही नहीं बातचीत इतनी बढ़ गई कि उन्होंने उसे गुजरात में पार्टी का पदाधिकारी बना दिया.
एनडीटीवी की जानकारी के मुताबिक अशफाक ने कमलेश तिवारी से कहा कि अगर वे सूरत आ जाएं तो वे गुजरात में उनकी पार्टी को भी मजबूत करेंगे और हीरा व्यापारियों से फंड दिलाएंगे. चूंकि किन्हीं कारणों से कमलेश गुजरात नहीं पहुंच पाए तो अशफाक ने कमलेश से कहा कि हम आपसे बात करने और गुजरात में संगठन के संबंध में मंत्रणा करने लखनऊ आ जाते हैं.
शुक्रवार को अशफाक अपने एक अन्य साथी मोइनुद्दीन के साथ लखनऊ में कमलेश तिवारी के घर पहुंचा. यहां वे करीब 36 मिनट तक मौजूद रहे. कमलेश ने उनकी काफी खातिरदारी की. उसने उन्हें दहीबड़ा खिलाया, चाय पिलाई और सिगरेट, पान मसाला वगैरह भी मंगवाया. इसी बीच अशफाक ने कमलेश से कहा कि मैं आपको कान में कुछ बताना चाहता हूं. और जब कमलेश सुनने के लिए आगे हुआ तो अशफाक ने कान के पास जाकर उसके गले पर छुरी मार दी. जब कमलेश की चीख निकली तो मोइनुद्दीन ने उसका मुंह दबा दिया फिर अशफाक ने उसके मुंह पर गोली मारी, जो मोइनुद्दीन के हाथ में लगते हुए कमलेश को जा लगी.
अशफाक पेशे से मेडिकल रिप्रेंजेंटेटिव है और अपने इलाके का टीम लीडर है. उसके अंडर में कई लोग काम करते हैं, जिनकी आईडी और डॉक्यूमेंट उसके पास रहते हैं. उनमें से ही एक रोहित सोलंकी नाम के शख्स के आधार कार्ड पर उसने अपना फोटो लगाकर फर्जी आईडी बनाई थी.
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ये भी पता चला है कि राशिद, फैजान,मोहसिन जो तीन लोग गुजरात से पकड़े गए उनमें राशिद और मोहसिन को कमलेश तिवारी की हत्या की जानकारी थी. राशिद ने अशफाक को पिस्टल खरीदने के लिए 70 हजार रुपए दिए थे और मोहसिन जो एक मौलाना है, उसने कहा था कि चूंकि कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान किया है, इसलिए उसका वाजिब-उल-कत्ल है यानि उसका कत्ल करना जरूरी है. जबकि फैजान को इस विषय में जानकारी नहीं थी. अशफाक ने उससे कहा था कि उसे लखनऊ अपने किसी दोस्त से मिलने जाना है तो वो एक मिठाई का डिब्बा ले आए. ये वही मिठाई का डिब्बा था जिसमें अशफाक हथियार लेकर आया था और मौका-ए-वारदात पर छोड़ गया था.
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