
- जगदीप धनखड़ के उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद कई बड़े सवाल सामने आए
- जगदीप धनखड़ के बाद उप सभापति हरिवंश पर राज्यसभा के संचालन की बड़ी जिम्मेदारी
- जगदीप धनखड़ के बाद उप राष्ट्रपति पद के लिए जरूरत पड़ी तो चुनाव कराया जाएगा
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे को 36 घंटे से भी ज्यादा वक्त हो चुका है, लेकिन अभी भी इसको लेकर कयासों का दौर जारी है. धनखड़ ने भले ही स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र देने की बात कही, लेकिन चर्चा उनकी सेहत से ज्यादा सियासत की हो रही है. राज्य सभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने को टर्निंग प्वाइंट बताया जा रहा है, लेकिन क्या बात इतनी भर है. जानिए धनखड़ के इस्तीफे पर अब तक के पांच बड़े अपडेट क्या हैं...
महाभियोग नोटिस कब आया
संसद मॉनसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को दोपहर 2 बजे जब जस्टिस यशंवत वर्मा के खिलाफ धनखड़ ने नोटिस स्वीकार किया तो सरकार के मंत्री समेत सत्ता पक्ष के सदस्य हैरान थे. जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए जो नोटिस दिया गया था, उसमें 60 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर थे. सत्ता पक्ष को इसकी जानकारी ही नहीं थी. लिहाजा इस प्रस्ताव में सत्ता पक्ष का कोई सांसद न होना सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला था. जबकि सरकार लोकसभा में जो प्रस्ताव लाई थी, उसमें विपक्षी सांसदों के भी दस्तखत थे.
सत्ता पक्ष का रुख
22 जुलाई को 4.30 बजे जब राज्यसभा सभापति ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई थी. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू व्यस्तता का हवाला देते हुए उसमें नहीं पहुंचे. फिर शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग सीनियर मंत्रियों की मंत्रणा हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कमरे में मंत्री पहुंचे. फिर राज्यसभा के सभी सांसदों को बुलाया गया. सांसद 10-10 के समूह में पहुंचे. जहां एक प्रस्ताव तैयार था, जिस पर सभी से दस्तखत करने को कहा गया. सहयोगी दलों के सांसदों को बुलाकर भी हस्ताक्षर लिए गए. मीडिया से बात नहीं करने और अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में ही मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था.
विपक्ष क्या बोला
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर ममता बनर्जी ने कहा कि वो एक स्वस्थ व्यक्ति हैं. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि धनखड़ के त्यागपत्र पर पीएम मोदी का मैसेज बताता है कि ये राजनीतिक कारणों से है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर धनखड़ जी का स्वास्थ्य खराब था तो बीजेपी के किसी सांसद ने उनका हालचाल क्यों नहीं लिया. विदाई समारोह क्यों आयोजित नहीं हो रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा भाजपा को नीतीश कुमार के बारे में पुनर्विचार करने पर मजबूर करेगा. पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि धनखड़ का त्यागपत्र भाजपा के भीतर बदले सत्ता समीकरण को दिखाता है.
कौन संभालेगा जिम्मेदारी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के कंधों पर राज्यसभा के संचालन की बड़ी जिम्मेदारी होगी. बुधवार 12.30 बजे राज्यसभा की कार्य सलाह समित की बैठक भी महत्वपूर्ण है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का समय तय होने जैसे अहम फैसले लिए जा सकते हैं. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर क्या होगा, ये भी उन्हें तय करना होगा.
कब होगा उप राष्ट्रपति का चुनाव
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को राष्ट्रपति ने 22 जुलाई को 12 बजे के करीब स्वीकार कर लिया गया. गजट प्रकाशित होते ही चुनाव आयोग को जानकारी दी जाएगी. फिर चुनाव आयोग उप राष्ट्रपति चुनाव कराने पर फैसला लेगा. जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से जुड़ी जांच समिति पर लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के उपसभापति मिल कर फैसला ले सकते हैं.
10 बड़े सवाल उभरे
- जगदीप धनखड़ से इस्तीफा लिया गया या उन्होंने दे दिया?
- जगदीप धनखड़ ने दबाव में इस्तीफा दिया या गलती की सजा मिली है?
- जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की अर्जी के चक्रव्यूह में विपक्ष ने क्या उन्हें फंसा दिया
- अमेरिका के उपराष्ट्रपति की यात्रा पर शिकायत क्या उन्हें भारी पड़ी?
- किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री से खुले मंच पर सवाल ने क्या क्लोज किया चैप्टर?
- क्या ज्यादा बोलने के चक्कर में बुरे फंसे जगदीप धनखड़ ? सदन में विपक्ष को अनुपात से ज्यादा आजादी ने संतुलन बिगाड़ा?
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