यमन के हूती विद्रोहियों और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है. इजरायल (Israel) की सेना ने दावा किया है कि एक बड़े हमले में हूती विद्रोहियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इजरायल की तरफ से कहा गया है कि यह हमला बॉर्डर से 1800 KM दूर पोर्ट और पावर स्टेशन पर किया गया था. इसे लेकर सेना की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पोस्ट भी किया गया है.
⭕️BREAKING: The IAF struck military targets belonging to the Houthi terrorist regime in Yemen in response to their recent attacks against Israel.
— Israel Defense Forces (@IDF) September 29, 2024
The targets included power plants and a seaport, which were used by the Houthis to transfer Iranian weapons to the region, in… pic.twitter.com/QaWSD3uMEJ
इससे पहले यमन के हूती विद्रोहियों ने दावा किया था कि उन्होंने तेल अवीव के पास बेन गुरियन एयरपोर्ट पर मिसाइल अटैक किया है. ग्रुप के अल-मसीरा टीवी पर शनिवार को प्रसारित एक बयान में, ग्रुप के सैन्य प्रवक्ता याह्या सारेया ने इसका ऐलान किया था. सारेया ने दावा किया था कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आगमन पर बेन गुरियन एयरपोर्ट पर एक 'बैलिस्टिक मिसाइल' दागी गई. बता दें नेतन्याहू शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के बाद शनिवार को वापस देश लौट आए थे.
कई मोर्चों पर इजरायल की लड़ाई जारी
हमास के हमलों के बाद से इजरायल लंबे समय से कई मोर्चों पर लगातार युद्ध कर रहा है. हमास के साथ-साथ कई अन्य गुटों के साथ भी संघर्ष जारी है. हिज्जबुल्लाह के साथ भी पिछले कुछ दिनों से इजरायल की लड़ाई तेज हो गयी है वहीं हूती विद्रोहियों के साथ भी लड़ाई जारी है. वहीं ईरान के साथ भी कई मौकों पर टकराव बढ़ने की संभावना होती रही है.
इजरायल ने हिज्बुल्लाह चीफ को मार गिराया
बेरूत में एक भूमिगत बंकर को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले में शुक्रवार को हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी..इजरायली वायुसेना के इस प्लांड हमले में कई खुफिया एजेंसियों का सहयोग शामिल था. इसी कारण नसरल्लाह के साथ-साथ कई वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारियों और उसकी बेटी की भी इस हमले में मौत हो गयी थी.
60 फीट नीचे बंकर में छिपा था हसन नसरल्लाह
इजरायल के इस हमले को हाल के इतिहास में किसी शहर पर सबसे बड़े हमलों में से एक बताया जा रहा है. यह हमला दक्षिणी बेरूत में हुआ. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के हमलों का तत्काल जवाब नहीं देने का दबाव ईरान हिज्बुल्लाह पर बना रहा था. इसी कारण नसरल्लाह और हिज्बुल्लाह के अन्य बड़े कमांडर इज़रायल के खिलाफ रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए इस बंकर में एकत्र हुए थे. यह हिज्बुल्लाह का मुख्यालय था और इसे खास तौर जमीन से 60 फीट नीचे तक बनाया गया था. इसका मकसद किसी भी हवाई हमले से बचाव था. इजरायल को भी इस बात का पता था.
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