झारखंड की गिरिडीह सीट पर कुर्मी जाति के तीन कद्दावर नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला

यह देखना दिलचस्प होगा कि चंद्रप्रकाश दूसरी बार यहां से संसद तक की राह नाप पाते हैं या नहीं. बहरहाल, तीनों कद्दावर प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जोर-शोर से जुटे हैं. यहां मतदान 25 मई को होना है. कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 18 लाख 40 हजार 296 है.

झारखंड की गिरिडीह सीट पर कुर्मी जाति के तीन कद्दावर नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला

गिरिडीह:

झारखंड की गिरिडीह लोकसभा सीट पर इस बार कुर्मी जाति के तीन कद्दावर नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला है. मौजूदा सांसद आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी को इंडिया गठबंधन के मथुरा महतो और जेबीकेएसएस (झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति) नामक संगठन के प्रमुख जयराम महतो से कड़ी चुनौती मिल रही है.  

इस लोकसभा सीट पर कुर्मी जाति के वोटरों की तादाद लगभग 19 फीसदी है और जीत-हार तय करने में इनकी भूमिका सबसे निर्णायक मानी जाती रही है. इस बार तीन बड़े कुर्मी नेताओं के मैदान में उतरने से किसी एक को अपनी जाति के लिए एकमुश्त वोट मिल पाना मुश्किल है.

ऐसे में दूसरे जातीय समूहों की गोलबंदी और समर्थन के आधार पर बनने वाले समीकरणों का आकलन किया जा रहा है. वर्ष 2019 के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी ने 6 लाख 48 हजार 277 वोट हासिल किए थे. जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी झामुमो के जगरनाथ महतो को 3 लाख 99 हजार 930 वोट मिले थे.

राज्य की यह एकमात्र सीट है, जो भाजपा ने वर्ष 2019 के बाद इस दफा भी आजसू पार्टी के लिए छोड़ी है. हालांकि, 1989 से लेकर 2014 तक इस सीट पर कुल नौ बार हुए चुनावों में भाजपा ने कुल छह बार जीत दर्ज की थी. पिछले चुनाव में आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी को भाजपा का भरपूर समर्थन मिला था. इस बार भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में चंद्रप्रकाश चौधरी की उम्मीदवारी पर खास उत्साह नहीं दिख रहा.

इसकी वजह यह है कि पिछले पांच वर्षों में चौधरी ने भाजपा के स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं से ज्यादा संपर्क नहीं रखा. इस बात का अहसास खुद चंद्रप्रकाश चौधरी को भी है. पिछले हफ्ते उन्होंने भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर इस “भूल” के लिए माफी मांगी.

झामुमो के मथुरा महतो इस सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. वह पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं. इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली टुंडी सीट के विधायक हैं. इस सीट से वह कुल तीन बार विधानसभा पहुंच चुके हैं. राज्य सरकार में दो बार मंत्री भी रहे हैं. तीसरे अहम प्रत्याशी जयराम महतो ने पिछले तीन-चार सालों से झारखंड की भाषा और स्थानीयता के मुद्दे पर संघर्ष करने वाले फायरब्रांड युवा नेता के रूप में अच्छी पहचान बनाई है. राज्य भर में उनकी जनसभाओं में भारी भीड़ जुटती रही है.

इस चुनाव में उनकी सियासी हैसियत की पहली परीक्षा होनी है. मौजूदा सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के पहले इस सीट से तीन कुर्मी नेता विनोद बिहारी महतो, राजकिशोर महतो और टेकलाल महतो जीत दर्ज कर चुके हैं. इन तीनों में से कोई दूसरी बार लोकसभा नहीं पहुंच पाए.

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चंद्रप्रकाश दूसरी बार यहां से संसद तक की राह नाप पाते हैं या नहीं. बहरहाल, तीनों कद्दावर प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जोर-शोर से जुटे हैं. यहां मतदान 25 मई को होना है. कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस लोकसभा सीट पर वोटरों की संख्या 18 लाख 40 हजार 296 है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)