नई दिल्ली:
चीनी सैनिकों के 17 जून को भारतीय क्षेत्र में ‘अतिक्रमण’ और निगरानी कैमरे हटाने के बाद लद्दाख के चुमार इलाके में भारत और चीन की सेना ‘आमने-सामने’ आ गई थी। ये कैमरे बाद में चीनी सेना ने वापस कर दिए थे।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि चुमार में भारत के रणनीतिक बढ़त की स्थिति में होने और चीनी पक्ष की तरफ कुछ ‘संवेदनशीलता’ होने को देखते हुए ‘चीनी गश्ती दल वहां इलाके में घुस आए और भारतीय गश्ती दल के साथ आमना-सामना होने की स्थिति आ गई, इसके बाद चीनी गश्ती दल अपने सामान्य शिविर की ओर लौट गए।’
घुसपैठ 17 जून को तब हुई जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भारतीय क्षेत्र चुमार में घुस आई और निगरानी बंकरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने चीनी क्षेत्र तक देखे जा सकने वाले उपकरणों के तारों को काट दिया।
चुमार चीन के सैनिकों के लिए हमेशा से असहज स्थिति पैदा करने वाला इलाका रहा है क्योंकि भारत-चीन सीमा के पास यह एक मात्र ऐसी जगह है जहां उनकी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक पहुंच नहीं है।
इस वर्ष मार्च के अंतिम हफ्ते में हुई फ्लैग बैठक में चीनी पक्ष ने चुमार में एलएसी के पास निगरानी टावर के निर्माण पर आपत्ति जताई थी।
निगरानी चौकी और रक्षा बंकरों को ध्वस्त करने के बाद सेना ने एलएसी के पास चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए थे जिससे पीएलए क्षुब्ध था।
चीन की तरफ से यह इलाका पहुंच योग्य नहीं है जबकि भारतीय पक्ष का अंतिम बिंदु तक सड़क मार्ग है जिस पर सेना नौ टन तक का भार ले जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि सीमा रक्षा समन्वय समझौता (बीडीसीए) ‘प्रगति पर है’ और विस्तार से जानकारी देने से इनकार किया है।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि चुमार में भारत के रणनीतिक बढ़त की स्थिति में होने और चीनी पक्ष की तरफ कुछ ‘संवेदनशीलता’ होने को देखते हुए ‘चीनी गश्ती दल वहां इलाके में घुस आए और भारतीय गश्ती दल के साथ आमना-सामना होने की स्थिति आ गई, इसके बाद चीनी गश्ती दल अपने सामान्य शिविर की ओर लौट गए।’
घुसपैठ 17 जून को तब हुई जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) भारतीय क्षेत्र चुमार में घुस आई और निगरानी बंकरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने चीनी क्षेत्र तक देखे जा सकने वाले उपकरणों के तारों को काट दिया।
चुमार चीन के सैनिकों के लिए हमेशा से असहज स्थिति पैदा करने वाला इलाका रहा है क्योंकि भारत-चीन सीमा के पास यह एक मात्र ऐसी जगह है जहां उनकी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक पहुंच नहीं है।
इस वर्ष मार्च के अंतिम हफ्ते में हुई फ्लैग बैठक में चीनी पक्ष ने चुमार में एलएसी के पास निगरानी टावर के निर्माण पर आपत्ति जताई थी।
निगरानी चौकी और रक्षा बंकरों को ध्वस्त करने के बाद सेना ने एलएसी के पास चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए थे जिससे पीएलए क्षुब्ध था।
चीन की तरफ से यह इलाका पहुंच योग्य नहीं है जबकि भारतीय पक्ष का अंतिम बिंदु तक सड़क मार्ग है जिस पर सेना नौ टन तक का भार ले जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि सीमा रक्षा समन्वय समझौता (बीडीसीए) ‘प्रगति पर है’ और विस्तार से जानकारी देने से इनकार किया है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारत, चीन, सीमा विवाद, लद्दाख में घुसपैठ, चुमार में घुसपैठ, सीमा पर सड़क, सीमा पर विकास, चीनी घुसपैठ, India, China, Border Dispute, Chinese Incursions, Ladakh, Chumar Incursions