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This Article is From Apr 01, 2015

इस्पात उत्पादन में चीन से प्रतिस्पर्धा करनी है : मोदी

इस्पात उत्पादन में चीन से प्रतिस्पर्धा करनी है : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
राउरकेला:

भारत इस्पात उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ चुका है और देश को अब चीन से प्रतियोगिता करनी है, जो काफी आगे है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कही।

मोदी ने ओडिशा के राउरकेला में राउरकेला इस्पात संयंत्र की विस्तारित और आधुनिकीकृत इकाई का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'भारत इस्पात उत्पादन में अमेरिका से आगे निकल गया है। हम हालांकि चीन से अब भी पीछे हैं और जब हम मेक इन इंडिया की बात करते हैं, तो मैं किसी से भी पीछे रहना नहीं चाहूंगा। हमें उत्पादन बढ़ाना होगा।'

12 हजार करोड़ रुपये की परियोजना से संयंत्र की क्षमता 20 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर 45 लाख टन प्रति वर्ष हो गई है। मोदी ने कहा कि भारत अपनी युवा शक्ति के बल पर आगे बढ़ सकता है, जो हमारी आबादी का 65 फीसदी है।

उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को रोजगार मिल जाता है और उनका समुचित कौशल विकास होता है, तो अगले 10 सालों में भारत समृद्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों का उपयोग आम लोगों और उद्योग के विकास में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खनिजों का दूसरे देशों के साथ व्यापार करने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकती है, लेकिन इससे भारत का भविष्य नहीं बनेगा।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत में निवेश करने को आतुर है, जबकि पिछले दशक में ऐसी स्थिति नहीं थी। मोदी ने कहा, 'हम पूरी दुनिया को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि उन्हें दूसरी जगहों से अधिक लाभ मिलेगा।' मोदी ने कहा कि उनका ध्यान पूर्वी क्षेत्र के विकास पर है, जो पश्चिमी क्षेत्र से पीछे छूट रहे हैं।

मोदी ने कहा, 'पूर्वी क्षेत्र का विकास होना चाहिए। पश्चिमी क्षेत्र का विकास हो रहा है और हमें पूर्वी क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए।' मोदी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने खनिजों पर रॉयल्टी बढ़ा दी, जिसका लाभ ओडिशा को मिलेगा। साथ ही 14वें वित्त आयोग में आवंटन बढ़ाकर 25 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया, जो पिछले 60 सालों में 18 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा था।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'यदि देश को विकास करना है, तो ओडिशा का विकास करना होगा।' उन्‍होंने कहा कि खनिज नीलामी से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्य लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए गए 204 कोयला ब्लॉकों में से सिर्फ 20 की पारदर्शी नीलामी से देश को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है।

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