कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के कई हिस्सों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. इस बीच केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यों को दूसरी लहर पर काबू पाकर ऑक्सीजन की 'डिमांड को नियंत्रण में रखने' की सलाह दी है. देश के कई राज्यों में भयंकर तरीके से कोविड के नए केस सामने आ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों को न बेड मिल रहा है, न ऑक्सीजन ऐसे में एक मेडिकल क्राइसिस उठ खड़ी हो गई है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पीयूष गोयल ने कहा कि 'राज्य सरकारों को मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को नियंत्रण में रखना चाहिए. मांग और सप्लाई का मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. कोविड-19 के प्रसार को रोकना राज्य सरकारों का काम है, उन्हें यह जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'अगर कोविड के मामले ऐसे ही अनियंत्रित बढ़ते रहे तो इससे देश के हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा असर पड़ेगा. हम राज्य सरकारों को साथ खड़े हैं, लेकिन उन्हें मांग को नियंत्रण में लाना होगा और कोविड को रोकने के लिए बहुत ठोस कदम उठाने होंगे.'
पेशेंट को जितना जरूरत है उतना ही ऑक्सीजन लगाना चाहिए। कई जगह से वेस्टेज के साथ ही, पेशेंट को जरूरत ना होते हुए भी ऑक्सीजन लगाने की खबर आ रही है
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 18, 2021
The patient should use as much oxygen as they need. In many places there is news that oxygen is being given even when it is not needed. pic.twitter.com/WVKr45z8tB
पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की डिमांड-सप्लाई के बीच के फर्क को दूर करने का आग्रह किया था. ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑक्सीजन की कमी पर एक चिट्ठी भी लिखी थी. शनिवार को गोयल ने उनपर 'तुच्छ राजनीति' करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि 'उद्धव ठाकरे जी की ऑक्सीजन पर राजनीति देखकर दुखी हूं. भारत सरकार सभी साझेदारों के साथ मिलकर भारत में ऑक्सीजन का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित कर रही है. हम वर्तमान में 110% क्षमता के साथ ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं और मेडिकल जरूरत को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री यूज के लिए सप्लाई पर रोक लगा रहे हैं.'
बता दें कि केंद्र के एक नए फैसले में 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने का फैसला लिया गया है. साथ ही पीएम केयर्स फंड के तहत बन रहे 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर भी मुहर लगाई गई थी. वहीं रेलवे बिना कहीं भी रुके राज्यों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाएगा.
बता दें कि देश में पिछले पांच दिनों से कोरोना के मामले 2 लाख से ऊपर आ रहे हैं. इसके पहले लगातार कई दिनों तक एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे. मौतें भी रिकॉर्ड संख्या में हो रही हैं. इससे हेल्थ सेक्टर पर जबरदस्त दबाव पड़ा है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर जैसी अत्यधिक जरूरतों की चीजें भी उपलब्ध नहीं पा रही हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे पोस्ट की भरमार आ गई है, जिसमें लोग जीवनरक्षक दवाइयों, बेड, ऑक्सीजन, और प्लाज्मा वगैरह के लिए मदद मांग रहे हैं.
ऑक्सीजन के कम दबाव के कारण 10 कोरोना मरीजों की मौत
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