जब दिल्ली के कानूनमंत्री सोमनाथ भारती ने दिल्ली पुलिस से जबरन छापेमारी करने की बात कही, ताकि अपने चुनावी क्षेत्र में ड्रग और सेक्स को कारोबार को रोका जा सके, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया क्योंकि उन्होंने कहा कि उनके पास वारंट नहीं और वह कानून तोड़ नहीं सकते।
इसके बाद मंत्री ने अपने समर्थकों और इलाके रहवासियों के साथ मिलकर यूगांडा की चार महिलाओं को जबरन सरकारी अस्पताल ले जाकर ड्रग टेस्ट करवाया।
यूगांडा की महिलाओं द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ दायर की गई शिकायत की पैरवी करने को तैयार जाने माने वकील हरीश साल्वे ने कहा, 'मंत्री ने एक महिला को शौचालय तक जाने नहीं दिया और सबके सामने पेशाब करने को मजबूर किया।'
गौरतलब है कि महिलाओं पर किए गए परीक्षण में ड्रग की मात्रा नहीं मिली और मंत्री पर महिलाओं को जबरन हिरासत में रखने और जबरन चिकित्सीय परीक्षण कराने का आरोप लगा है।
इस प्रकरण में पीड़ित यूगांडा की एक महिला ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी। महिला ने एनडीटीवी से कहा कि रात में वह अपने मित्र के घर से पार्टी से वापस आ रही जब कानूनमंत्री भारती और उनके समर्थकों ने जबरन उनकी गाड़ी को घुमाया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी व उसके दोस्तों की पिटाई भी की गई।
महिला ने कहा कि मंत्री के साथ लोगों में कोई भी यूनीफॉर्म में नहीं था, वह हमें मार रहे थे, जहां भी जिसका मन किया उसने वहीं मारा, मुझे लगा कि वह मुझे मार ही डालेंगे। इसके बाद वह हमें पुलिस स्टेशन ले गए, जहां पुलिस ने हमारी मदद की।
वहीं, पार्टी की सदस्यता लेने वाली मल्लिका साराभाई ने आप पार्टी के इस मंत्री की आलोचना की है और कहा कि इस कार्यवाही में रंगभेद की बू आ रही है।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छापेमारी करने से मना करने वाली पुलिस पर कार्रवाई की मांग की है।
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