याकूब मेमन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुंबई के 1993 बम धमाके को दोष में फांसी पर लटकाए गए याकूब मेमन को एक वक्त मुंबई के मेमन समुदाय का सबसे अच्छा चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) माना जाता था। याकूब का अकादमिक रिकॉर्ड अच्छा रहा। अंग्रेजी माध्यम से बीकॉम करने के बाद याकूब ने साल 1990 में सीए की परीक्षा पास की।
बीबीसी की खबर के अनुसार, याकूब ने सीए पास करने के बाद अपने बचपन के दोस्त चेतन के साथ मिलकर मेहता एंड मेमन एसोसिएट्स नामक एक कंपनी भी खोली, लेकिन एक साल बाद दोनों अलग हो गए। इसके बाद उसने अपने पिता की याद में उनके नाम पर एआर एंड सन्स से अलग कंपनी भी खोली। यह कंपनी इस इतनी सफल हुई कि मुंबई के मेमन समुदाय ने उसे बेस्ट सीए के पुरस्कार तक दिया।
इसके बाद याकूब ने सीए फील्ड के अलावा मांस के निर्यात में भी अपना हाथ आज़माया। उसने मांस के निर्यात के लिए तिजारत इंटरनेशनल नामक कंपनी बनाई, जोकि खाड़ी और मध्य-पूर्व के देशों में मांस का निर्यात करती थी। याकूब को बेहद कम वक्त में इस बिजनेस से काफी सफलता हासिल हुई।
बाद में 1993 के बम धमाकों के मामले में याक़ूब को साज़िश रचने और वित्तीय सहायता देने का दोषी पाया गया उन्हें सजा-ए-मौत हुई।
बीबीसी की खबर के अनुसार, याकूब ने सीए पास करने के बाद अपने बचपन के दोस्त चेतन के साथ मिलकर मेहता एंड मेमन एसोसिएट्स नामक एक कंपनी भी खोली, लेकिन एक साल बाद दोनों अलग हो गए। इसके बाद उसने अपने पिता की याद में उनके नाम पर एआर एंड सन्स से अलग कंपनी भी खोली। यह कंपनी इस इतनी सफल हुई कि मुंबई के मेमन समुदाय ने उसे बेस्ट सीए के पुरस्कार तक दिया।
इसके बाद याकूब ने सीए फील्ड के अलावा मांस के निर्यात में भी अपना हाथ आज़माया। उसने मांस के निर्यात के लिए तिजारत इंटरनेशनल नामक कंपनी बनाई, जोकि खाड़ी और मध्य-पूर्व के देशों में मांस का निर्यात करती थी। याकूब को बेहद कम वक्त में इस बिजनेस से काफी सफलता हासिल हुई।
बाद में 1993 के बम धमाकों के मामले में याक़ूब को साज़िश रचने और वित्तीय सहायता देने का दोषी पाया गया उन्हें सजा-ए-मौत हुई।
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