नई दिल्ली:
मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर सरकार का साथ देने के लिए आलोचना झेल रही मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा है कि उसने राज्यसभा में हुए मत विभाजन के दौरान यूपीए का साथ इसलिए दिया, क्योंकि इसमें हार होने से विपक्ष हर दिन इस आधार पर सरकार का इस्तीफा मांगता कि उसे बहुमत नहीं है।
एक बयान में पार्टी ने कहा है कि उसने लोकसभा में मत विभाजन में हिस्सा नहीं लेने के बावजूद राज्यसभा में सरकार के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया, क्योंकि ऐसा नहीं किया जाता, तो खुदरा में एफडीआई पर विपक्ष प्रायोजित प्रस्ताव पारित हो जाता।
विज्ञप्ति के मुताबिक, यह विपक्ष को राजनीति करने के लिए एक और अवसर मुहैया कराता। विपक्ष इसके बाद हर दिन मुद्दा उठाता और सदन का कामकाज नहीं चलने देता, जिससे आम आदमी के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों का मार्ग अवरुद्ध हो जाता। मायावती की पार्टी ने कहा है कि तरक्की में एससी-एसटी को आरक्षण विधेयक, खाद्य सुरक्षा विधेयक और लोकपाल विधेयक लंबित है।
एक बयान में पार्टी ने कहा है कि उसने लोकसभा में मत विभाजन में हिस्सा नहीं लेने के बावजूद राज्यसभा में सरकार के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया, क्योंकि ऐसा नहीं किया जाता, तो खुदरा में एफडीआई पर विपक्ष प्रायोजित प्रस्ताव पारित हो जाता।
विज्ञप्ति के मुताबिक, यह विपक्ष को राजनीति करने के लिए एक और अवसर मुहैया कराता। विपक्ष इसके बाद हर दिन मुद्दा उठाता और सदन का कामकाज नहीं चलने देता, जिससे आम आदमी के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों का मार्ग अवरुद्ध हो जाता। मायावती की पार्टी ने कहा है कि तरक्की में एससी-एसटी को आरक्षण विधेयक, खाद्य सुरक्षा विधेयक और लोकपाल विधेयक लंबित है।
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