विज्ञापन

धोखेबाजी, डिफॉल्ट, दिवालिया... इस तरह बर्बाद हुआ अनिल अंबानी का साम्राज्य

अनिल अंबानी (Anil Ambani) और उनकी कंपनियां भारत ही नहीं, कई अन्य देशों में धोखाधड़ी, फंड डायवर्जन, फर्जी गारंटियों और बड़े पैमाने पर डिफॉल्ट के मामलों में घिरी हैं. इनकी वजह से लगे प्रतिबंधों, दिवालिया कार्यवाही और मुकदमेबाजी ने उन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया है.

धोखेबाजी, डिफॉल्ट, दिवालिया... इस तरह बर्बाद हुआ अनिल अंबानी का साम्राज्य
  • अनिल अंबानी एक समय दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल थे.
  • SEBI ने उन पर फंड डायवर्जन के आरोप में पांच साल का बैन लगाया है.
  • 2020 में उन्होंने ब्रिटेन की एक कोर्ट में खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था.
  • उनकी कंपनी रिलायंस इन्फ्रा, रिलायंस कैपिटल पर दिवालिया कार्यवाही हुई.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

एक समय था, जब अनिल अंबानी की गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती थी. लेकिन फिर वक्त का पासा पलटा और अनिल अंबानी का साम्राज्य ताश के पत्ते की तरह ढह गया. भारत ही नहीं, कई देशों में धोखाधड़ी के मामले, कथित फंड डायवर्जन, फर्जी गारंटियों और बड़े पैमाने पर डिफॉल्ट की खुलती परतों ने उन्हें अर्श से फर्श पर ला पटका. इसके बाद शुरू हुआ प्रतिबंधों, दिवालिया कार्यवाही और अदालतों में मुकदमेबाजी का दौर, जिसने उनकी दौलत और शोहरत, दोनों का बंटाधार कर दिया. उनकी कंपनियों में एक के बाद एक वित्तीय गड़बड़ियों के कई मामले सामने आए. आइए इन पर एक नजर डालते हैं-

अनिल अंबानी खुद किन मामलों में फंसे?

पिछले साल अगस्त 2024 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रिलायंस कैपिटल की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) से फंड डायवर्ट करने पर अनिल अंबानी और 24 अन्य संस्थाओं को प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए बैन कर दिया था. अंबानी पर 25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया. उनके सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेडिंग करने और लिस्टेड कंपनियों में निदेशक जैसे अहम पद लेने पर रोक लग गई. सेबी का यह बैन अगस्त 2029 तक के लिए है.

यूके में अनिल अंबानी दिवालिया घोषित

अनिल अंबानी ने 2020 में कानूनी और वित्तीय परेशानियों में फंसने के बाद ब्रिटेन की एक अदालत में खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था. दरअसल, रिलायंस कम्युनिकेशंस को दिए 925 मिलियन डॉलर के कर्ज को लेकर चीन के तीन बैंक- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने उनके ऊपर मुकदमे की घोषणा की थी.

अनिल अंबानी ने चीनी बैंकों से कर्ज लेने के लिए कथित तौर पर निजी गारंटी दी थी. लंदन की अदालत ने बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाया और अंबानी को ब्याज व लागत सहित करीब 716 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया. बैंक अब संपत्तियों से वसूली की कोशिश कर रहे हैं.

रिलायंस इन्फ्रा की दिवालिया कार्यवाही

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (R-Infra) के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालिया कार्रवाई का आदेश दिया था. यह आदेश IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड की अर्जी पर दिया गया. कंपनी धुरसर सोलर पावर प्रा.लि. (DSPPL) के साथ 2011 के बिजली खरीद समझौते से संबंधित 88 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के खिलाफ एनसीएलटी पहुंची थी.

रिलायंस इन्फ्रा का दावा है कि उसने मूल धन और ब्याज के रूप में 92.68 करोड़ का भुगतान कर दिया था. लेकिन एनसीएलटी ने 30 मई 2025 को IDBI ट्रस्टीशिप की याचिका स्वीकार करते हुए अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया. रिलायंस इन्फ्रा ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) में अपील की तो उसने NCLT  के आदेश पर रोक लगा दी. अब 18 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है. 

शंघाई इलेक्ट्रिक से विवाद

रिलायंस इन्फ्रा का शंघाई इलेक्ट्रिक से भी विवाद चल रहा है. मामला सासन अल्ट्रा-मेगा पावर प्रोजेक्ट से संबंधित है. इस मामले में रिलायंस इन्फ्रा पर 1,215 करोड़ रुपये (करीब 146 मिलियन डॉलर) की मध्यस्थता आदेश (arbitral award) की तलवार लटक रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलायंस इन्फ्रा पर 135 मिलियन डॉलर की संपत्ति ट्रांसफर करने या बेचने पर रोक लगा रखी है.

दिल्ली मेट्रो से विवाद

रिलायंस इन्फ्रा की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्रा.लि (DAMEPL) का दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) से भी विवाद चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने DAMEPL के फेवर में दिए गए 8,000 करोड़ रुपये के मध्यस्थता आदेश को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले के फैसले को पलटते हुए DAMEPL को DMRC द्वारा दिए गए 3,300 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है. 

रिलायंस पावर की मुश्किलें

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने पिछले साल नवंबर में तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. ऐसा बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट की बोली में कथित रूप से नकली बैंक गारंटी जमा करने के आरोप में किया गया था.

कानूनी कार्यवाही के बाद SECI ने अपना प्रतिबंध वापस ले लिया और दिल्ली हाईकोर्ट ने भी बैन पर रोक लगा दी. मई 2024 में, तत्कालीन SECI प्रमुख को रिलायंस पावर को कथित तौर पर जाली बैंक दस्तावेजों का उपयोग करके सोलर प्रोजेक्टों की नीलामी में हिस्सा लेने की अनुमति देने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था.

रिलायंस कैपिटल की दिवालिया कार्यवाही

रिलायंस कैपिटल को नवंबर 2021 में गवर्नेंस फेलियर और पेमेंट डिफॉल्ट के आरोप में RBI एडमिनिस्ट्रेशन के अंडर रखने का आदेश दिया गया था. इस साल मार्च में ही इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) द्वारा समाधान योजना लागू करने और कंट्रोल लेने के बाद कंपनी को दिवालिया कार्यवाही से छुटकारा मिला है. 

2018-19 में, प्राइस वाटर हाउस कूपर (PWC) के ऑडिट में ग्रुप से संबंधित कंपनियों में 12,571 करोड़ रुपये का कथित फर्जी कर्ज और निवेश पकड़ा गया था. 2020 में, पीडब्ल्यूसी ने ऑडिट में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए ऑडिटर का काम छोड़ दिया. बाद में ग्रांट थॉर्नटन ने रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस के जरिए 12,000 करोड़ रुपये के अन्य डायवर्जन का पता लगाया. सेबी ने जांच करके अनिल अंबानी और प्रमुख अधिकारियों पर 25 करोड़ का जुर्माना और बैन लगा दिया. 

रिलायंस कम्युनिकेशंस भी फंसी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. बैक की एंटी फ्रॉड कमिटी ने अगस्त 2016 में रिलायंस कम्युनिकेशंस में संबंधित एंटिटीज के जरिए फंड डायवर्जन, बही-खातों में हेरफेर और खातों का सही से हिसाब न रखने का पता लगाया था. पिछले महीने स्टेट बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्जों को औपचारिक रूप से धोखाधड़ी घोषित करते हुए आरबीआई को रिपोर्ट भेजी थी. कारण बताओ नोटिसों का पर्याप्त जवाब न दिए जाने पर अनिल अंबानी का नाम भी आरबीआई को भेजा जा रहा है.

पिछले साल सितंबर में, केनरा बैंक ने 2017 के एक कर्ज के दुरुपयोग और म्यूचुअल फंड निवेश में गड़बड़ी आदि का हवाला देते हुए रिलायंस कम्युनिकेशंस को fraudulent borrower (धोखाधड़ी उधारकर्ता) नामित कर दिया था. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com