राज्यसभा में बयान देते गृहमंत्री राजनाथ सिंह
नई दिल्ली:
संसद में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर में अशांति की कई घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर पर वार्ता होगी, कश्मीर पर नहीं.
राजनाथ ने कहा कि सदन में आज हुई बहस स्वस्थ लोकतंत्र का एक अच्छा उदाहरण है, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं संसद को बताऊं कि सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं.
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में करीब 100 एंबुलेंसों को नुकसान पहुंचा, इसके बावजूद 400 और एंबुलेंसों को घायलों की मदद के लिए लगाया गया है. उन्होंने कहा कि घाटी में झड़पों में 4500 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
(पढ़ें : पीएम मध्यप्रदेश से कश्मीर के हालातों पर बोले, लेकिन सदन में बयान नहीं दिया: गुलाम नबी आजाद)
राजनाथ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन हम इसके इस्तेमाल को जायज ठहराना नहीं चाहते. दूसरे गैर-घातक हथियारों के इस्तेमाल की संभावनाओं पर चर्चा करने की जरूरत है. हमने विकल्प सुझाने के लिए एक कमिटी बनाई है, जो 2 महीने में रिपोर्ट देगी. गृह मंत्री ने सदन को बताया कि कश्मीर मुद्दे पर शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक होगी.
राजनाथ ने कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराए जाने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा.
चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों द्वारा जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजकर बातचीत करने के सुझाव पर गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने खुद 23-24 जुलाई को श्रीनगर एवं अनंतनाग जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी.
राजनाथ ने कहा कि जहां तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेजकर वहां चर्चा कराए जाने की बात है, उसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करनी पड़ेगी. इसके बारे में वह राज्य की मुख्यमंत्री से भी बातचीत करेंगे.
राजनाथ ने कहा कि सदन में आज हुई बहस स्वस्थ लोकतंत्र का एक अच्छा उदाहरण है, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं संसद को बताऊं कि सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं.
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में करीब 100 एंबुलेंसों को नुकसान पहुंचा, इसके बावजूद 400 और एंबुलेंसों को घायलों की मदद के लिए लगाया गया है. उन्होंने कहा कि घाटी में झड़पों में 4500 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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राजनाथ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन हम इसके इस्तेमाल को जायज ठहराना नहीं चाहते. दूसरे गैर-घातक हथियारों के इस्तेमाल की संभावनाओं पर चर्चा करने की जरूरत है. हमने विकल्प सुझाने के लिए एक कमिटी बनाई है, जो 2 महीने में रिपोर्ट देगी. गृह मंत्री ने सदन को बताया कि कश्मीर मुद्दे पर शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक होगी.
राजनाथ ने कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराए जाने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा.
चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों द्वारा जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजकर बातचीत करने के सुझाव पर गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने खुद 23-24 जुलाई को श्रीनगर एवं अनंतनाग जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी.
राजनाथ ने कहा कि जहां तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेजकर वहां चर्चा कराए जाने की बात है, उसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करनी पड़ेगी. इसके बारे में वह राज्य की मुख्यमंत्री से भी बातचीत करेंगे.
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