
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) की उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में इसके कार्यालय के निर्माण के लिए भूखंड आवंटित करने का अनुरोध किया गया है. निर्वाचन आयोग ने अप्रैल में आप को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी थी.
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और भूमि एवं विकास अधिकारी को एक नोटिस जारी कर याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
अदालत ने विषय की अगली सुनवाई 23 मार्च के लिए सूचीबद्ध की है.
आप ने अपनी याचिका में कहा कि केंद्र की नीतियों के अनुसार और अन्य सभी राष्ट्रीय दलों को नयी दिल्ली में कार्यालय परिसरों के निर्माण के लिए भूखंड आवंटित करने के मद्देनजर यह सुनिश्चित करना प्रतिवादियों की जिम्मेदारी है कि इसी तरह का आवंटन याचिकाकर्ता को भी हो.
आप ने दावा किया कि यह अपने राष्ट्रीय और दिल्ली इकाई के कार्यालयों के निर्माण के लिए कुल 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का भूखंड पाने का हकदार है.
याचिका में कहा गया है, ‘‘(केंद्रीय मंत्रालय) का 13 जुलाई 2006 का ज्ञापन, दोनों सदनों में 15 सदस्य तक की संख्या रखने वाले राष्ट्रीय दलों को स्पष्ट रूप से 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का भूखंड आवंटित करने का प्रावधान करता है.
इसमें कहा गया है, ‘‘यह दिल्ली प्रदेश इकाइयों के लिए 500 वर्ग मीटर तक अतिरिक्त आवंटन का प्रावधान करता है, जहां राष्ट्रीय पार्टी का दिल्ली विधानसभा में प्रतिनिधित्व हो.''
अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने अपने राष्ट्रीय और प्रदेश इकाई कार्यालयों के निर्माण के लिए आप को भूखंड आवंटित करने से केंद्र के इनकार करने को चुनौती दी है.
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