नई दिल्ली:
दिल्ली हाई कोर्ट उपराज्यपाल और भ्रष्टाचार-निरोधी शाखा की शक्तियों से जुड़ी गृह मंत्रालय की अधिसूचना को चुनौती देने वाली विधि छात्र की ओर से दायर याचिका पर पांच अगस्त को सुनवाई करेगा।
हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत से संपर्क करके केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों अधिसूचना के मुद्दे पर बिल्कुल सही तरीके से लड़ रहे हैं। नौकरशाहों की नियुक्ति के मुद्दों पर उपराज्यपाल की शक्तियों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना को चुनौती देने वाली आप सरकार की अपील पर हाई कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, हाल के ट्रान्सफर, पोस्टिंग के सभी आदेश प्रस्ताव के रूप में उपराज्यपाल के पास भेजें जाएं, एलजी इस पर जरूरत पड़ने पर चर्चा कर सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा देने को कहा जिसमें वो ये बताये कि अब तक ऐसे मामलों में दिल्ली और बाकी केंद्र शासित प्रदेशों में किस तरह से काम होता रहा।
दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने बहस की। दिल्ली सरकार की दलील थी कि केंद्र हमको कोई भी अधिकारी दे उसपर हमको कोई ऐतराज़ नहीं क्योंकि वो हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं लेकिन दिए गए अधिकारी को क्या काम या विभाग मिले उए हमारा अधिकार है। दिल्ली सरकार का कहना था, 'हमने ट्रान्सफर के आदेश दिए लेकिन अधिकारी ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे।
केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने बहस की। केंद्र की दलील थी कि दिल्ली सरकार कोई ट्रान्सफर, पोस्टिंग नहीं कर सकती क्योंकि ये उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है। कोर्ट ने कहा की कोर्ट के बाहर इस पर कुछ भी राजनीती करें हमें इसकी चिंता नहीं हम केवल कानूनी पक्ष देख रहे हैं।
हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत से संपर्क करके केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों अधिसूचना के मुद्दे पर बिल्कुल सही तरीके से लड़ रहे हैं। नौकरशाहों की नियुक्ति के मुद्दों पर उपराज्यपाल की शक्तियों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना को चुनौती देने वाली आप सरकार की अपील पर हाई कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, हाल के ट्रान्सफर, पोस्टिंग के सभी आदेश प्रस्ताव के रूप में उपराज्यपाल के पास भेजें जाएं, एलजी इस पर जरूरत पड़ने पर चर्चा कर सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा देने को कहा जिसमें वो ये बताये कि अब तक ऐसे मामलों में दिल्ली और बाकी केंद्र शासित प्रदेशों में किस तरह से काम होता रहा।
दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने बहस की। दिल्ली सरकार की दलील थी कि केंद्र हमको कोई भी अधिकारी दे उसपर हमको कोई ऐतराज़ नहीं क्योंकि वो हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं लेकिन दिए गए अधिकारी को क्या काम या विभाग मिले उए हमारा अधिकार है। दिल्ली सरकार का कहना था, 'हमने ट्रान्सफर के आदेश दिए लेकिन अधिकारी ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे।
केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने बहस की। केंद्र की दलील थी कि दिल्ली सरकार कोई ट्रान्सफर, पोस्टिंग नहीं कर सकती क्योंकि ये उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है। कोर्ट ने कहा की कोर्ट के बाहर इस पर कुछ भी राजनीती करें हमें इसकी चिंता नहीं हम केवल कानूनी पक्ष देख रहे हैं।
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