नई दिल्ली:
हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज का कहना है कि हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता, और 'हिन्दू आतंकवाद' जैसी कोई संज्ञा हो ही नहीं सकती. अनिल विज ने केंद्र की पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार पर वर्ष 2007 में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले पाकिस्तानियों को इसीलिए रिहा करने का आरोप लगाया, ताकि ठीकरा उनके सिर फोड़ा जा सके, जिसे कांग्रेस ने कभी 'हिन्दू आतंकवाद' कहा था.
कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा किए तीखे हमलों के बाद इस बयान से पीछे हटते हुए कहना पड़ा था कि आतंकवाद का कोई धर्म या रंग नहीं होता है. यही बात पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भी देश-विदेश में कई-कई बार कह चुके हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.
अनिल विज ने कहा कि स्वभाव से ही हिन्दू कभी आतंकवादी बन ही नहीं सकता, क्योंकि हिन्दुओं को आतंकवाद कभी नहीं सिखाया गया. उन्होंने कहा, "अगर हिन्दू भी आतंकवादी होते, तो क्षेत्र में कभी कोई अन्य आतंकवादी होता ही नहीं..."
अपने बयानों की वजह से अक्सर विवादों में घिर जाने वाले हरियाणा के मंत्री अनिल विज पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "उन्होंने (अनिल विज ने) सही कहा है... एक हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता, एक संघी आतंकवादी हो सकता है..." गौरतलब है कि बीजेपी के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस के सदस्यों को आमतौर पर संघी कहा जाता है.
वर्ष 2015 में 63-वर्षीय मंत्री ने कहा था कि योग का विरोध करने वाले सभी लोग 'गद्दार' हैं. कुछ महीने बाद उन्होंने कांग्रेस को 'अंग्रेज़ों की औलाद' कहा था, क्योंकि इस पार्टी की स्थापना ब्रिटिश नागरिक एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (सर एओ ह्यूम) ने की थी. इसी साल बीजेपी को भी उनके बयानों की सार्वजनिक निंदा करनी पड़ी थी, जब अनिल विज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बापू की छवि से खादी को कोई लाभ नहीं मिला, और नोटों का भी अवमूल्यन हो गया.
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में शामिल संदिग्धों के कुछ साल पहले पाकिस्तान लौट जाने की रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को अनिल विज ने कांग्रेस पर हमला बोला, और कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है कि उन्हें पाकिस्तान लौटने दिया गया.
18 फरवरी, 2007 को हरियाणा के पानीपत से गुज़रते हुए पाकिस्तान और भारत के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में 42 पाकिस्तानी नागरिक थे.
अनिल विज ने केंद्र सरकार से ट्रेन में हुए विस्फोट की फिर जांच करवाने की मांग भी की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसका (दोबारा जांच का) कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि आरोपी पहले ही पाकिस्तान पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा, "वे आपके समन का जवाब नहीं दे रहे हैं... आप जांच को कैसे पूरा करेंगे..."
कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा किए तीखे हमलों के बाद इस बयान से पीछे हटते हुए कहना पड़ा था कि आतंकवाद का कोई धर्म या रंग नहीं होता है. यही बात पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भी देश-विदेश में कई-कई बार कह चुके हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.
अनिल विज ने कहा कि स्वभाव से ही हिन्दू कभी आतंकवादी बन ही नहीं सकता, क्योंकि हिन्दुओं को आतंकवाद कभी नहीं सिखाया गया. उन्होंने कहा, "अगर हिन्दू भी आतंकवादी होते, तो क्षेत्र में कभी कोई अन्य आतंकवादी होता ही नहीं..."
अपने बयानों की वजह से अक्सर विवादों में घिर जाने वाले हरियाणा के मंत्री अनिल विज पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "उन्होंने (अनिल विज ने) सही कहा है... एक हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता, एक संघी आतंकवादी हो सकता है..." गौरतलब है कि बीजेपी के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस के सदस्यों को आमतौर पर संघी कहा जाता है.
वर्ष 2015 में 63-वर्षीय मंत्री ने कहा था कि योग का विरोध करने वाले सभी लोग 'गद्दार' हैं. कुछ महीने बाद उन्होंने कांग्रेस को 'अंग्रेज़ों की औलाद' कहा था, क्योंकि इस पार्टी की स्थापना ब्रिटिश नागरिक एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (सर एओ ह्यूम) ने की थी. इसी साल बीजेपी को भी उनके बयानों की सार्वजनिक निंदा करनी पड़ी थी, जब अनिल विज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बापू की छवि से खादी को कोई लाभ नहीं मिला, और नोटों का भी अवमूल्यन हो गया.
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में शामिल संदिग्धों के कुछ साल पहले पाकिस्तान लौट जाने की रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को अनिल विज ने कांग्रेस पर हमला बोला, और कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है कि उन्हें पाकिस्तान लौटने दिया गया.
18 फरवरी, 2007 को हरियाणा के पानीपत से गुज़रते हुए पाकिस्तान और भारत के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में 42 पाकिस्तानी नागरिक थे.
अनिल विज ने केंद्र सरकार से ट्रेन में हुए विस्फोट की फिर जांच करवाने की मांग भी की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसका (दोबारा जांच का) कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि आरोपी पहले ही पाकिस्तान पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा, "वे आपके समन का जवाब नहीं दे रहे हैं... आप जांच को कैसे पूरा करेंगे..."
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