
- गोरखपुर में एयरफोर्स से रिटायर्ड अशोक जायसवाल को सुबह फिल्मी स्टाइल में अगवा किया गया था.
- अपहरणकर्ताओं ने पहले पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगी, लेकिन बाद में एक करोड़ में बात तय की.
- पुलिस के मुताबिक, यह एक ब्लाइंड केस था जिसे छह टीमों का 12 घंटे की मशक्कत के बाद सुलझा दिया.
गोरखपुर में सुबह-सबेरे एयरफोर्स से रिटायर्ड अशोक जायसवाल का फिल्मी स्टाइल में अपहरण कर लिया गया. पुलिस ने जिस फुर्ती और मुस्तैदी से इस ब्लाइंड केस को सुलझाया, उसने न सिर्फ पीड़ित परिवार को राहत दी बल्कि अपराधियों के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया. पुलिस ने महज 12 घंटे के अंदर अपहृत एयरफोर्स कर्मी को सकुशल छुड़ाकर तीन अपहरणकर्ताओं को भी दबोच लिया. अगवा किए गए अशोक जायसवाल डॉ.सुषमा जायसवाल के पति हैं.
सुबह का सन्नाटा और अपहरण
गोरखपुर में शाहपुर थाना क्षेत्र के पादरी बाजार के रहने वाले अशोक जायसवाल एयरफोर्स से रिटायर होने बाद घर पर ही आयुष्मान हास्पिटल चलाते हैं. उनकी पत्नी डॉ.सुषमा जायसवाल बस्ती जिले में सरकारी डॉक्टर हैं. अशोक जायसवाल रोज की तरह सुबह 5.30 बजे मार्निंग वॉक करने साइकिल से निकले थे. जैसे ही वह कौआबाग अंडरपास से अंदर पहुंचे, दो गाड़ियों में सवार सात लोगों ने उन्हें खींचकर कार की पिछली सीट पर डाल लिया. आंखों पर काली पट्टी बांध दी.
5 करोड़ की फिरौती, 1 करोड़ पर तय
अशोक जायसवाल ने रिहा होने के बाद बताया कि पहले उनसे 5 करोड़ रुपए मंगवाने के लिए कहा गया. उन लोगों ने सुबह करीब 10:30 बजे उनकी डॉक्टर पत्नी सुषमा जायसवाल के मोबाइल पर बात कराई. वॉट्सऐप कॉल पर बात करके फिरौती मांगी गई. डिमांड 5 करोड़ रुपये से शुरू हुई, फिर एक करोड़ रुपये पर बात तय हुई. लेकिन डॉ. सुषमा ने तुरंत पति के अपहरण और फिरौती मांगे जाने की सूचना पुलिस के आलाधिकारियों को दे दी.
पुलिस की 12 घंटे की मैराथन रेस
गोरखपुर के एसएसपी राज करण नैयर ने बताया कि यह एक ब्लाइंड केस था. जिस नंबर का वॉट्सएप यूज करके कॉल की गई थी, वो नंबर एक्टिव नहीं था. एसएसपी ने तत्काल 6 टीमों का गठन किया. सर्विलांस, सीसीटीवी और मैनुअल इनपुट के आधार पर अपहरणकर्ताओं का पता लगाने का प्रयास शुरू किया गया. अपहरणकर्ता अपनी लोकेशन छिपाने के लिए लगातार कार को एक से दूसरी जगह घुमा रहे थे. इससे उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी. काफी प्रयास के बाद सुराग मिला और ज्वाइंट आपरेशन करके अशोक जायसवाल को सकुशल छुड़ा लिया गया. पुलिस ने तीन अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया.
थप्पड़ लगाए, गोली मारने की धमकी दी
जायसवाल ने बताया कि उनकी बातचीत से ऐसा लगा कि वो लोग प्रोफेशनल नहीं थे. वो हर पल की जानकारी किसी गुड्डू दलाल नाम के शख्स को दे रहे थे. बीच-बीच में गाली देते हुए पत्नी से रुपये मंगवाने के लिए धमका रहे थे. थप्पड़ भी मार रहे थे. गोली मारने की धमकी भी दे रहे थे. मुझे डर लग रहा था, गोरखपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुझे शाम तक छुड़ा लिया.
3 गिरफ्तार, फरार 4 की पहचान
पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें गोरखपुर के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के ढेबरा बुजुर्ग का रहने वाला श्याम सुंदर उर्फ गुड्डू यादव, सिकरीगंज के बलुआ उर्फ बकुसड़ गांव का रहने वाला जनार्दन गौड़ और गोरखपुर के बेलघाट थाना क्षेत्र के चौतरा पट्टी शंकरपुर का रहने वाला करुणेश कुमार दुबे शामिल है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक कार, मोबाइल फोन, तमंचा और कारतूस बरामद किए हैं.
पुलिस इस मामले में फरार चार आरोपियों की तलाश कर रही है. पुलिस ने इनकी पहचान सिकरीगंज के जद्दू पट्टी के रहने वाले कमालुद्दीन, सिकरीगंज के ढेबरा के रहने वाले प्रीतम कुमार, गोरखपुर के गीडा थानाक्षेत्र के कोलिया दक्षिण नौसड़ के रहने वाले शेरू सिंह और अंश के रूप में बताई है.
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