नई दिल्ली:
सरकार ने एक अप्रैल से गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों को फ्री गैस कनेक्शन देने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे गरीब परिवारों की तादाद पांच करोड़ है। गुरुवार को कैबिनेट की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इस प्रस्ताव का ऐलान किया था।
प्रति कनेक्शन 1600 रुपये कंपनियों को देगी सरकार
कैबिनेट ने तय किया है कि एलपीजी गैस कनेक्शन के 1600 रुपये सरकार कंपनियों को देगी। कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर होगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को अगले तीन साल में लागू किया जाएगा और इस पर कुल 8,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। हालांकि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिनके पास बीपीएल कार्ड है। जिन गरीब परिवारों के पास बीपीएल कार्ड नहीं है वे इसके दायरे में नहीं आएंगे।
सरकारी एजेंसियां बीपीएल कार्ड नहीं बना रहीं
एनडीटीवी की टीम ने आरके पुरम के रविदास कैंप का दौरा किया तो पाया कि यहां ऐसे कई परिवार हैं जिनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है। संगीता हाउस-वाइफ हैं। उनके दो छोटे बच्चे हैं। परिवार एक कमरे के घर में रहने को मजबूर है। उनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है, क्योंकि सरकारी एजेंसियां इनका कार्ड नहीं बना रहीं। वह कहती हैं, हर बार दस्तावेज न होने की बात अधिकारी करते हैं। वे आज तक बीपीएल कार्ड नहीं बनवा पाईं।
साल के 12 सिलेंडर नाकाफी
गरीबों की मुश्किल इतने से ही हल होने वाली नहीं है। कनेक्शन मिल भी गया तो सब्सिडी वाला सिलिंडर इनको काफी नहीं पड़ता। संगीता के पड़ोस में रहने वाली संतरा को शीला दीक्षित की "केरोसिन फ्री दिल्ली" योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन मिला था। उनका परिवार बड़ा है और साल में 12 सिलिंडर में काम नहीं चल पाता है। वह कहती हैं "महीने में एक सिलिंडर से काम नहीं चलता है...सरकार को सब्सिडी वाले सिलिंडर बढ़ाना चाहिए।"
यानी इस स्कीम को लागू करने की रणनीति बनाने में जुटी सरकार को अभी इसका फायदा हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ेगी।
प्रति कनेक्शन 1600 रुपये कंपनियों को देगी सरकार
कैबिनेट ने तय किया है कि एलपीजी गैस कनेक्शन के 1600 रुपये सरकार कंपनियों को देगी। कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर होगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को अगले तीन साल में लागू किया जाएगा और इस पर कुल 8,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। हालांकि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिनके पास बीपीएल कार्ड है। जिन गरीब परिवारों के पास बीपीएल कार्ड नहीं है वे इसके दायरे में नहीं आएंगे।
सरकारी एजेंसियां बीपीएल कार्ड नहीं बना रहीं
एनडीटीवी की टीम ने आरके पुरम के रविदास कैंप का दौरा किया तो पाया कि यहां ऐसे कई परिवार हैं जिनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है। संगीता हाउस-वाइफ हैं। उनके दो छोटे बच्चे हैं। परिवार एक कमरे के घर में रहने को मजबूर है। उनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है, क्योंकि सरकारी एजेंसियां इनका कार्ड नहीं बना रहीं। वह कहती हैं, हर बार दस्तावेज न होने की बात अधिकारी करते हैं। वे आज तक बीपीएल कार्ड नहीं बनवा पाईं।
साल के 12 सिलेंडर नाकाफी
गरीबों की मुश्किल इतने से ही हल होने वाली नहीं है। कनेक्शन मिल भी गया तो सब्सिडी वाला सिलिंडर इनको काफी नहीं पड़ता। संगीता के पड़ोस में रहने वाली संतरा को शीला दीक्षित की "केरोसिन फ्री दिल्ली" योजना के तहत फ्री गैस कनेक्शन मिला था। उनका परिवार बड़ा है और साल में 12 सिलिंडर में काम नहीं चल पाता है। वह कहती हैं "महीने में एक सिलिंडर से काम नहीं चलता है...सरकार को सब्सिडी वाले सिलिंडर बढ़ाना चाहिए।"
यानी इस स्कीम को लागू करने की रणनीति बनाने में जुटी सरकार को अभी इसका फायदा हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ेगी।
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