फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत की पूर्वी सीमा पर दशकों से चले आ रहे सीमा पार विद्रोही शिविरों को लेकर दी गई एक अहम जानकारी में बीएसएफ ने कहा है कि भारत के विद्रोही संगठनों के बांग्लादेशी जमीन पर चलने वाले शिविरों और गुप्त ठिकानों की संख्या घटकर 'लगभग शून्य' तक पहुंच गई है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि पहली बार यह शानदार उपलब्धि पिछले कुछ वर्षों के दौरान दोनों देशों की सीमाओं की रक्षा कर रहे सीमा बलों के बीच उत्कृष्ट और सकारात्मक सहयोग की वजह से हासिल हुई है. पड़ोसी देश में बीएसएफ का समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) सीमा की निगरानी करता है. बीएसएफ के डीजी ने कहा, 'जब कभी भी हमारे पास बांग्लादेश के पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोहियों की आवाजाही के बारे में सूचना होती है तो हम सूचना को साझा करते हैं और तत्काल छापेमारी (बीजीबी द्वारा) की जाती है.'
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बीएसएफ के डीजी ने कहा, 'इसी के फलस्वरूप इन विद्रोहियों के कई प्रशिक्षण केंद्र और ठिकानों को खत्म कर लगभग शून्य कर दिया गया है.' शर्मा ने कहा कि अगर कुछ ठिकाने अब भी सक्रिय हैं तो वह एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाए जाने वाली प्रकृति के हैं. उन्होंने संकेत दिया कि बांग्लादेशी धरती पर इन प्रतिबंधित आतंकी और विद्रोही संगठनों का स्थायी शिविर नहीं है. शर्मा ने कहा, 'मैं हमारे समकक्ष (बीजीबी) को बधाई देना चाहता हूं.' इस कदम को बांग्लादेश से लगी सीमा पर विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों पर सुरक्षा बलों की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले कई दशकों से बीएसएफ डीजी स्तरीय वार्ता के दौरान बीजीबी को भारत विरोधी विद्रोही संगठनों और आतंकी संगठनों की सूची सौंपता रहा है, जिसमें उससे इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाती थी.
VIDEO : सीमा पर बढ़ाई गई है चौकसी : BSF प्रमुख अधिकारी ने एक आधिकारिक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि बीजीबी ने कुछ ऐसे इंतजाम किए हैं कि इन इलाकों में उसके 'स्थायी शिविर' हों जिससे विद्रोहियों और दूसरे अपराधियों की गतिविधियों पर लगाई जा सके और भारत विरोधी विद्रोही संगठनों के नियमित अड्डे न बन सकें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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बीएसएफ के डीजी ने कहा, 'इसी के फलस्वरूप इन विद्रोहियों के कई प्रशिक्षण केंद्र और ठिकानों को खत्म कर लगभग शून्य कर दिया गया है.' शर्मा ने कहा कि अगर कुछ ठिकाने अब भी सक्रिय हैं तो वह एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाए जाने वाली प्रकृति के हैं. उन्होंने संकेत दिया कि बांग्लादेशी धरती पर इन प्रतिबंधित आतंकी और विद्रोही संगठनों का स्थायी शिविर नहीं है. शर्मा ने कहा, 'मैं हमारे समकक्ष (बीजीबी) को बधाई देना चाहता हूं.' इस कदम को बांग्लादेश से लगी सीमा पर विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों पर सुरक्षा बलों की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले कई दशकों से बीएसएफ डीजी स्तरीय वार्ता के दौरान बीजीबी को भारत विरोधी विद्रोही संगठनों और आतंकी संगठनों की सूची सौंपता रहा है, जिसमें उससे इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाती थी.
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