
- ब्रिटेन का आधुनिक एफ-35 फाइटर जेट तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर 20 दिनों से फंसा है.
- ब्रिटिश रॉयल नेवी ने विमान की मरम्मत के लिए नई टीम भेजने की योजना बनाई है.
- अधिकारियों के मुताबिक, ब्रिटिश इंजीनियरों की ये टीम इस हफ्ते केरल आ सकती है.
- इसे सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से एयरलिफ्ट करने के विकल्प पर भी विचार हो रहा है.
केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पिछले करीब 20 दिनों से अटके ब्रिटेन के अत्याधुनिक एफ-35 फाइटर जेट को लेकर नया अपडेट आया है. रक्षा अधिकारियों ने बताया है कि ब्रिटिश नेवी अपने इस विमान की मरम्मत के लिए नई टीम भेज रही है. ये टीम जल्द ही केरल आएगी.
अधिकारियों ने बताया है कि ब्रिटेन से आने वाले इंजीनियरों की ये टीम विमान को रिपेयर करने का काम करेगी और संभव हुआ तो उसे वापस ले जाने का बंदोबस्त करेगी. ब्रिटिश टीम इसी हफ्ते आ सकती है. इससे पहले खबर आई थी कि इस फाइटर जेट को विशालकाय C-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान पर लोड करके ब्रिटेन एयरलिफ्ट करने का विकल्प भी तलाशा जा रहा है.
ब्रिटिश रॉयल नेवी का एफ-35बी लाइटनिंग-2 फाइटर जेट 14 जून की रात करीब 9.30 बजे से भारत में ग्राउंडेड है. इस विमान के पायलट ने ईंधन की कमी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी थी, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से अब ये उड़ान नहीं भर पा रहा है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और घातक लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है.
#WATCH | Kerala: Latest visuals of the F-35 at Thiruvananthapuram airport. British navy officials are expected to arrive here by the end of this week to carry out repairs and take the aircraft back to its base: Defence officials
— ANI (@ANI) July 4, 2025
The F-35 jet had made an emergency landing at the… pic.twitter.com/8MYaKC0K7l
एफ-35बी पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. यह ब्रिटेन के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है. यह सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है जो लगभग 2,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. यह कम दूरी के रनवे से टेकऑफ कर सकता है. यहां तक कि हेलीकॉप्टर की तरह वर्टिकल टेकऑफ करने में भी सक्षम है. यह एक साथ कई टारगेट को ट्रैक करके उन्हें निशाना बना सकता है.
भारतीय वायुसेना ने संकट में फंसे इस विमान की न सिर्फ लैंडिंग में मदद की थी बल्कि मरम्मत और उसकी वापसी के लिए आवश्यक तकनीकी एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का भी प्रस्ताव दिया था. भारत ने ये भी प्रस्ताव दिया था कि अगर ब्रिटेन चाहे तो अभी तक रनवे पर खड़े विमान को वायुसेना के हैंगर में रख सकता है, लेकिन ब्रिटेन इस पर राजी नहीं हुआ क्योंकि उसे डर था कि हैंगर में होने पर वह विमान की ठीक से निगरानी नहीं कर पाएगा और कहीं भारत विमान से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल ना कर ले.
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