भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को Su-30 MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय वायु सेना ने लंबी दूरी पर जमीन/समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ सुखोई-30 लड़ाकू विमानों से सटीक हमले करने की क्षमता हासिल की. यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में की गयी है. बयान में कहा गया है कि SU-30MKI विमान के साथ मिलने से मिसाइल की विस्तारित सीमा क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. इस सफलता ने भारतीय वायु सेना को एक रणनीतिक पहुंच प्रदान की है.
माना जा रहा है कि ब्रह्मोस मिसाइल की विस्तारित रेंज 400 किमी दूर समुद्र में लक्ष्य को भेदने की क्षमता होगी.गौरतलब है कि इसी साल मई में सुपरसोनिक मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया गया था. विस्तारित सीमा को 290 किमी से बढ़ाकर 350 किमी करने की जानकारी मिली थी. मई में किया गया सफल परीक्षण पहला उदाहरण था जिसमें Su-30MKI फाइटर जेट से मिसाइल का परीक्षण किया गया था.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में पहले चरण के रूप में दो चरणों वाला ठोस प्रोपलेंट बूस्टर इंजन लगा है जो इसे सुपरसोनिक गति तक ले जाता है. दूसरा चरण तरल रैमजेट इंजन है जो इसे क्रूज चरण में मच 3 (ध्वनि से तीन गुणा अधिक गति) तक पहुंचा देता है.
इस योजना को पूरा करने में वायु सेना, भारतीय नौसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिलकर काम किया.
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