दिल्ली विश्वविद्यालय के बीटेक और बीएमएस पाठ्यक्रमों के छात्रों ने रविवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि उनके चार साल के पाठ्यक्रम को समाप्त नहीं किया जाए।
विद्यार्थियों ने चेतावनी दी कि अगर विश्वविद्यालय उनके हितों का ख्याल नहीं रखता है, तो वे अदालत जाने के लिए तैयार हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों का पालन करने के दबाव में डीयू ने अपने चार साल के स्नातक कार्यक्रम को समाप्त करके पहले की तरह तीन साल के पाठ्यक्रम में बदल दिया है।
डीयू ने शनिवार को अपने बीटेक और बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस) पाठ्यक्रमों को समाप्त करने का फैसला किया और आगे से इनमें नए प्रवेश नहीं दिए जाएंगे।
इन पाठ्यक्रमों के सैकड़ों विद्यार्थी स्मृति ईरानी के घर के बाहर एकत्रित हुए और उनके खिलाफ तथा यूजीसी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने नारे लगाए - 'हम बीटेक चाहते हैं', 'हम बीएमएस चाहते हैं'... प्रदर्शनकारियों ने स्मृति ईरानी के घर में घुसने का भी प्रयास किया, लेकिन दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें रोक लिया।
एक प्रदर्शनकारी छात्रा रेखा ने कहा, हम इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि एफवाईयूपी को समाप्त करने से बीएमएस और बीटेक पाठ्यक्रमों पर अच्छा खासा असर पड़ रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री और यूजीसी को हमारे हितों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ विद्यार्थी एचआरडी मंत्री के घर के बाहर भूख हड़ताल पर भी बैठ गए और कहा कि वे अपनी मांग पूरी होने तक नहीं हटेंगे।
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