मुंबई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण पर चल रहे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुंबई में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी बीजेपी सत्ता में आती है, तो विरोधी इस तरह की अफवाहें फैला देते हैं कि आरक्षण खत्म की जाने वाली है। उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहे केंद्र में सत्ता आए या राज्यों में, विपक्ष का काम इस तरह की अफवाहें फैलाने का ही होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने जो किया उससे देश को ताकत मिली है और उस ताकत को कोई रोक नहीं सकता। पीएम मोदी ने कहा, मैंने गरीबी देखी है, मैं उसे जी चुका हूं, इसलिए मैं जानता हूं कि समाज की उस अवस्था में जीने वाले लोगों के लिए क्या करने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को समुद्री परिवहन और अंतरिक्ष क्षेत्र में तीव्र गति से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि इन चीजों का इस सदी पर सबसे अधिक प्रभाव होगा। उन्होंने विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षा पूरी करने के लिए बंदरगाहों पर आधारित विकास की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि उनकी सरकार 'सागरमाला परियोजना' को फिर से बहाल कर रही है और इसमें तटीय राज्यों को भागीदार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सहकारितापूर्ण एवं प्रतिस्पर्धी संघीय व्यवस्था में उनकी सरकार के विश्वास का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्रालय ने पिछले 15 महीनों में जो काम किया है, वह पिछले 10 साल की यूपीए सरकार के कार्यों से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा, पिछली यूपीए सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत एनडीए सरकार द्वारा बनाई गई 'सागरमाला परियोजना' को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, क्योंकि उनका 'एक अलग एजेंडा' था।
महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना में बड़े और छोटे बंदरगाहों के विकास, उन्हें आर्थिक विकास का केन्द्र बनाने, उन्हें परिवहन के नई कड़ी बनाने, उनके साथ लॉजिस्टिक केन्द्रों के विकास और औद्योगिक क्षेत्रों व विनिर्माण केन्द्रों की स्थापना का विचार है।
पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश इस प्रकार हैं...
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को समुद्री परिवहन और अंतरिक्ष क्षेत्र में तीव्र गति से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि इन चीजों का इस सदी पर सबसे अधिक प्रभाव होगा। उन्होंने विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षा पूरी करने के लिए बंदरगाहों पर आधारित विकास की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि उनकी सरकार 'सागरमाला परियोजना' को फिर से बहाल कर रही है और इसमें तटीय राज्यों को भागीदार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सहकारितापूर्ण एवं प्रतिस्पर्धी संघीय व्यवस्था में उनकी सरकार के विश्वास का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्रालय ने पिछले 15 महीनों में जो काम किया है, वह पिछले 10 साल की यूपीए सरकार के कार्यों से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा, पिछली यूपीए सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत एनडीए सरकार द्वारा बनाई गई 'सागरमाला परियोजना' को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, क्योंकि उनका 'एक अलग एजेंडा' था।
महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना में बड़े और छोटे बंदरगाहों के विकास, उन्हें आर्थिक विकास का केन्द्र बनाने, उन्हें परिवहन के नई कड़ी बनाने, उनके साथ लॉजिस्टिक केन्द्रों के विकास और औद्योगिक क्षेत्रों व विनिर्माण केन्द्रों की स्थापना का विचार है।
पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश इस प्रकार हैं...
- मैं लोकनायक जयप्रकाश के जन्मदिन पर यहां आकर खुश हूं।
- 15 महीने के अल्प समय में नीतिन गडकरी ने बंदरगाह सेक्टर को नई ताकत और गति दी है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में दहिसर-डीएन नगर मेट्रो और दहिसर (पूर्व)-अंधेरी (पूर्व) मेट्रो कोरिडोर की आधारशिला रखी
- अब सिर्फ बंदरगाह के विकास से ही काम नहीं चलने वाला है। बल्कि बंदरगाहों से जुड़ा हुआ विकास जरूरी है और बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी भी जरूरी है।
- इस सदी में दो सेक्टर बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं, 'कोस्टल सेक्टर और स्पेस।' भले ही वह स्पेस हो या समुद्र हमें तेजी से आगे बढ़ना है।
- हमारे शहर बढ़ रहे हैं, उन बढ़ते हुए शहरों को कभी लोग संकट मानते हैं, मैं उन्हें अवसर मानता हूं।
- हम 'सागर माला प्रोजेक्ट' को बढ़ावा दे रहे हैं, इससे हमारे बंदरगाहों की सेवाएं आपस में जुड़ेंगी। यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आइडिया था।
- सुरेश प्रभु ने रेल मंत्रालय में बेहतरीन काम किया है।
- हम विश्व में अपनी जगह बना रहे हैं।
- 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे।
- दुनिया मार्टिन लूथर किंग को तो जानती है, लेकिन डॉ. अंबेडकर को नहीं।
- मुझे राजनीति नहीं करनी, लेकिन मेरे मन की पीड़ा मैं कहे बिना रह नहीं सकता हूं।
- जिन राज्यों में दलितों और आदिवासियों की जनसंख्या सर्वाधिक है उन्होंने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया।
- हम जानते हैं कि कब और किसे भारत रत्न मिला। लेकिन उन्होंने डॉ. भीमराव को भारत रत्न नहीं मनाया।
- अंबेडकर किसी एक समुदाय के लिए नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
- डॉ. अंबेडकर ने जीवन में कई मुसीबतों का सामना किया, लेकिन उनमें कटुता नहीं आई। वो एक महापुरुष थे।
- क्या कारण है कि संसद में डॉ. अंबेडकर की ऑयल पेंटिंग लगाने के लिए वो सरकारें तैयार नहीं हुईं।
- जब बीजेपी के समर्थन से गैर-कांग्रेसी सरकार बनी तब डॉ. भीमराव अंबेडकर की ऑयल पेंटिंग संसद में लगी।
- अगर अंबेडकर नहीं होते तो मोदी कहां होता।
- यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को खत्म करने जा रही है।
- डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के जीवन से जुड़े पांच अहम स्थलों को ‘पंच तीर्थ’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
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