कर्नाटक सरकार के चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मदन गोपाल, रश्मि महेश, पंकज कुमार और हर्षा गुप्ता ने उस ऑनलाइन पिटिशन का समर्थन किया है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रवि के आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है। इस ऑनलाइन पिटिशन को तक़रीबन डेढ़ लाख लोगों ने समर्थन दिया है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मदन गोपाल ने कहा कि उनको सीआईडी की जांच पर पूरा भरोसा है लेकिन लोग चाहते हैं कि जांच सीबीआई करे और इसमें कोई बुराई नहीं है।
वहीं कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री सीबीआई जांच के मामले पर बंटे हैं। क्योंकि कई मंत्री और विधायक रियल एस्टेट के धंधे से जुड़े हैं। सीबीआई जांच होगी तो गड़े मुर्दे उखड़ेंगे और बेवजह सरकार की किरकिरी होगी। ऐसे में कैबिनेट की बैठक में डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई। सीआईडी के आईजीपी प्रणब मोहन्थी के ताबादले पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया गया है। उनका मंगलवार को तबादला लोकयुक्त के ADGP के तौर पर किया गया था और ऐसा मोहन्थी खुद भी चाहते थे और ये प्रक्रिया कुछ दिन पहले शुरू हो गई थी।
वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा की कार्रवाई आज लगातार तीसरे दिन भी बाधित रही। विपक्ष सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा रहा। शोर शराबे के बीच सदन की कार्रवाई सोमवार तक स्थगित करनी पड़ी।
2009 बैच के आईएएस अधिकारी डी.के. रवि की लाश उनके अपार्टमेंट में पंखे से लटकी मिली थी। पुलिस और सरकार इसे निजी वजहों से किया गया आत्महत्या का मामला मान रही है।
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