दिल्ली में पिछले 3 विधानसभा चुनाव से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के अस्तित्व में आने के बाद से कांग्रेस के वोट बैंक में भारी गिरावट आयी और बीजेपी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा है. कई ऐसी सीटें हैं जो एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था उन सीटों पर पिछले 2-3 चुनावों से आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया है. आज हम बात कर रहे हैं बाबरपुर विधानसभा सीट की. बाबरपुर, बलबीर नगर, कबीर नगर, शिवाजी पार्क और कबूल नगर कर्दमपुरी, नार्थ घोंडा, ईस्ट व वेस्ट गोरख पार्क, वेलकम, जनता कॉलोनी, न्यू जाफराबाद, सुभाष मोहल्ला, नूर-ए-इलाही और मौजपुर का काफी बड़ा इलाका इसके अंतर्गत आता है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय पिछले 2 विधानसभा चुनाव से इस सीट से जीत रहे हैं.
बाबरपुर सीट का क्या रहा है चुनावी इतिहास?
बाबरपुर सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में गोपाल राय को बड़ी जीत मिली थी. गोपाल राय ने बीजेपी के उम्मीदवार नरेश गौर को लगभग 33 हजार मतों से पराजित किया था. कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 5131 वोट मिले थे. गोपाल राय ने 59.39 प्रतिशत वोट हासिल किया था.
बाबरपुर विधानसभा सीट पर कब किसे मिली जीत?
- 1993: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नरेश गौड़ ने 21,023 मत प्राप्त कर जीत हासिल की.
- 1998: भाजपा के नरेश गौड़ ने 22,606 मतों के साथ पुनः विजय प्राप्त की.
- 2003: कांग्रेस के विनय शर्मा ने 25,630 मत पाकर जीत दर्ज की.
- 2008: भाजपा के नरेश गौड़ ने 31,954 मतों के साथ पुनः विजय प्राप्त की.
- 2013: भाजपा के नरेश गौड़ ने 34,180 मत प्राप्त कर जीत हासिल की.
- 2015: आम आदमी पार्टी (आप) के गोपाल राय ने 75,928 मतों के साथ विजय प्राप्त की.
- 2020: आप के गोपाल राय ने 84,776 मत पाकर पुनः जीत दर्ज की.
विधानसभा चुनाव | उम्मीदवार | राजनीतिक दल |
1993 | नरेश गौड़ | बीजेपी |
1998 | नरेश गौड़ | बीेजपी |
2003 | विनय शर्मा | कांग्रेस |
2008 | नरेश गौड़ | बीजेपी |
2013 | नरेश गौड़ | बीजेपी |
2015 | गोपाल राय | आम आदमी पार्टी |
2020 | गोपाल राय | आम आदमी पार्टी |
बाबरपुर विधानसभा सीट के प्रमुख मुद्दे
बाबरपुर विधानसभा सीट दिल्ली के उत्तर-पूर्व जिले में स्थित है, जहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है और अधिकांश क्षेत्र शहरी है.
- जलभराव और सीवेज की समस्या- बाबरपुर क्षेत्र में मानसून के दौरान जलभराव एक बड़ी समस्या रही है. पुराने और अव्यवस्थित सीवेज सिस्टम के कारण गंदगी और बीमारियों का खतरा रहता है.
- स्वास्थ्य सेवाएं: सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की कमी रही है. प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और सस्ती चिकित्सा सेवाओं की मांग है.
- अपराध: क्षेत्र में अपराध और सुरक्षा चुनाव में प्रमुख मुद्दा रहा है. महिला सुरक्षा इस क्षेत्र में चुनावी मुद्दे बनते रहे हैं.
इस चुनाव के क्या हैं समीकरण?
बाबरपुर सीट पर पिछले दो चुनाव (2015 और 2020) में आप ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है. क्षेत्र में विकास कार्यों, मुफ्त बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के मुद्दे पर गोपाल राय चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में कांग्रेस का प्रभाव इस क्षेत्र में पहले मजबूत था, लेकिन हाल के चुनावों में पार्टी हाशिये पर चली गई है. इस चुनाव में कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है. यह सीट मुस्लिम बहुल माना जाता है. ऐसे में आप और कांग्रेस के बीच मतों की विभाजन का लाभ बीजेपी को मिल सकता है.
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