राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पद से हटने का उनका फैसला पार्टी का भविष्य और नया नेतृत्व बनाने के लिए लिया गया है. उनका यह दावा तब आया जब पार्टी कार्यकर्ता लगातार यह मांग कर रहे थे कि पवार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एनसीपी नेताओं ने कहा कि बारामती से लोकसभा सांसद और पवार की बेटी सुप्रिया सुले का पार्टी का अगला राष्ट्रीय प्रमुख बनने जबकि अजित पवार के महाराष्ट्र इकाई का जिम्मा संभालने की संभावना है. एनसीपी का अगला प्रमुख कौन होगा, इस पर फैसला करने के लिए 82 वर्षीय पवार द्वारा गठित एक समिति की बैठक शुक्रवार सुबह 11 बजे होगी.
पार्टी के नेताओं के अनुसार, एनसीपी प्रमुख का पद पवार परिवार के भीतर रहने की संभावना है क्योंकि बाहर से किसी को बागडोर देने से 1999 में गठित संगठन में दरार और सत्ता की लड़ाई हो सकती है.
इन नेताओं ने जोर देकर कहा कि तीन बार की लोकसभा सांसद सुले ने खुद को एक प्रभावी सांसद के रूप में स्थापित किया है और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनके संपर्क हैं वहीं अजित पवार की राज्य इकाई पर अच्छी पकड़ है और उन्हें व्यापक रूप से एक सक्षम प्रशासक के रूप में देखा जाता है.
इन नेताओं ने कहा कि इसके अलावा अजित पवार ने हाल ही में अपने मुख्यमंत्री बनने के सपनों के बारे में बात की थी, जबकि सुले ने हमेशा कहा है कि राष्ट्रीय राजनीति उनके हित में है.
संयोग से एनसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा था कि सुले को पार्टी की राष्ट्रीय विरासत संभालनी चाहिए और अजित पवार को राज्य इकाई का नेतृत्व करना चाहिए, हालांकि नासिक में येवला के विधायक ने तुरंत जोड़ा कि यह उनकी निजी राय थी.
शहर में ‘वाईबी चव्हाण सेंटर' के बाहर पवार ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी. पवार के समर्थक पार्टी प्रमुख के रूप में उनके पद पर बने रहने की मांग को लेकर यहां डेरा डाले हुए हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने समर्थकों से कहा, “मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं. मुझे अपनी योजनाओं के बारे में आप सभी से चर्चा करनी चाहिए थी और आपको भरोसे में लेना चाहिए था. लेकिन मैं जानता हूं कि आपने मुझे (पार्टी प्रमुख के पद से हटने का) फैसला लेने की अनुमति नहीं दी होती.”
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाहर के कुछ पार्टी सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को उनसे मिलेंगे. उन्होंने कहा, “मैं एक या दो दिन में अंतिम फैसला लूंगा.”
वाई बी चव्हाण सेंटर के बाहर डेरा डाले उनके समर्थकों ने जहां पवार के प्रति अपनी भावनाओं का मजबूती से इजहार किया वहीं पवार उन्हें शांत करने की कोशिश करते दिखे. वहां एकत्रित पार्टी कार्यकर्ताओं ने पवार से किसी व्यक्ति को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आग्रह किया, जबकि उन्हें स्वयं इस पद पर बने रहना चाहिए.
उनमें से कुछ ने कहा कि पवार को कम से कम 2024 तक पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जबकि अन्य ने कहा कि अगर उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो वे भूख हड़ताल करेंगे.
पवार (82) ने मंगलवार को यह कहकर लोगों को चौंका दिया था कि वह 1999 में उनके द्वारा स्थापित पार्टी के प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं. राज्यसभा सदस्य और विपक्ष के दिग्गज नेताओं में से एक पवार ने कहा था कि वह एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे हैं.
यह घोषणा उन अटकलों के बीच हुई कि अजित पवार और कुछ विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला सकते हैं, हालांकि पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इस तरह की बात का खंडन करते हुए दावा किया कि वह आजीवन एनसीपी के साथ रहेंगे.
शरद पवार द्वारा उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए गठित समिति में अजित पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और भुजबल शामिल हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्रमुक के एमके स्टालिन ने मंगलवार की घोषणा के बाद एनसीपी में घटनाक्रम के बारे में पूछताछ करने के लिए सुले से फोन पर बात की.
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस का कहना है कि एनसीपी के घटनाक्रम से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) पर असर नहीं पड़ेगा. एमवीए में ये तीनों दल शामिल हैं. राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अजित पवार क्या करते हैं. पिछले साल जून में ठाकरे सरकार को गिराए जाने से जुड़ी याचिकाओं पर कुछ ही दिनों में फैसला आने की संभावना है.
इन विश्लेषकों ने यह भी कहा कि अजित पवार के पाला बदलने की संभावना नहीं थी क्योंकि मंगलवार से चल रहे घटनाक्रमों से साफ है कि एनसीपी शरद पवार के साथ मजबूती से खड़ी है और ऐसे में इस बात की संभावना नहीं है कि अजित पवार के पास पार्टी को प्रभावी रूप से विभाजित करने के लिए पर्याप्त संख्याबल होगा.
महा विकास अघाड़ी के भविष्य पर बोलते हुए, महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने कहा कि वर्तमान स्थिति “जटिल और अप्रत्याशित” थी. महाजन ने कहा, “लेकिन, हाल के चुनावों के परिणामों के आलोक में एमवीए के सभी तीन घटक एक साथ रहेंगे.”
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