विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Aug 27, 2011

लोकपाल के मुद्दे पर संसद में बहस जारी

New Delhi: प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील करते हुए शनिवार को लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने लोकपाल के मसले पर चर्चा की शुरुआत की। मुखर्जी ने अन्ना के अनशन से देश में पैदा हुई स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 25 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और छह राजनीतिक पार्टियों की ओर से लोकपाल के मुद्दे पर राय प्राप्त हुई थी। सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस पर संसद में चर्चा कराने का फैसला लिया है।लोकसभा में अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक सहित अन्य विधेयकों पर चर्चा शुरू होने के बाद सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि इस मसले पर सात घंटे तक चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। कुमार ने सदस्यों से कहा, यह बहुत ही गंभीर विषय है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शुरुआत में सात घंटे का समय तय किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी, तो इसे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि कई सदस्य चर्चा में भाग लेना चाहते हैं। प्रणब ने अपने वक्तव्य में कहा, अन्ना हजारे द्वारा उठाए गए मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। इन पर हमें गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। चर्चा के बाद आम सहमति बनने की स्थिति में संसदीय स्थायी समिति उसे व्यवहार्यता, क्रियान्वयन क्षमता और संवैधानिकता के आलोक में देखेगी। मुखर्जी ने कहा, मेरा मानना है कि सरकार ने भलीभांति यह प्रदर्शित किया है कि वह भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है। सरकार ने अन्ना हजारे जी से अनशन तोड़ने का अनुरोध करते हुए उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर स्थायी समिति लोकपाल विधेयक को अंतिम रूप देते हुए विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सरकारी दफ्तरों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए एक उचित विधेयक और प्रणाली लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुखर्जी ने कहा कि अन्य मुद्दों के अलावा उन तीन मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है, जो अन्ना हजारे ने उठाए हैं। इनमें केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, सभी राज्यों में लोकायुक्तों का गठन करने और शिकायत निवारण प्रणाली का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने का अधिकार लोकपाल को होने की मांगें हैं। मुखर्जी ने अपने बयान में गत 5 अप्रैल, 2011 को अन्ना हजारे के आमरण अनशन पर बैठने से लेकर संयुक्त मसौदा समिति के गठन तथा अब तक सरकार, विपक्ष व अन्ना पक्ष के बीच हुए संवाद और पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा भी रखा। बाद में उन्होंने राज्यसभा में यही बयान देने के साथ ही आगाह किया कि हालात काबू से बाहर हो रहे हैं और संसद को चाहिए कि इसका कोई जल्द समाधान निकाला जाए।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
सलमान खान फायरिंग मामला : लॉरेंस बिश्नोई के भाई के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
लोकपाल के मुद्दे पर संसद में बहस जारी
रक्षा मंत्रालय के लिए बजट में 6,21,940 करोड़ रुपये का प्रावधान, राजनाथ सिंह ने जताया आभार
Next Article
रक्षा मंत्रालय के लिए बजट में 6,21,940 करोड़ रुपये का प्रावधान, राजनाथ सिंह ने जताया आभार
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;